पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की फ़सल प्रमुख है। इस क्षेत्र को गन्ना बेल्ट के रूप में जाना जाता है लेकिन प्रत्येक वर्ष गन्ना किसानों को ना तो गन्ने का उचित मूल्य नहीं मिलता है। ना ही चीनी मिलों द्वारा समय से किसानों का भुगतान किया जाता है!
Meerut News : गन्ने का ख़रीद मूल्य 550 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करने की मांग
Nov 13, 2024 00:08
Nov 13, 2024 00:08
- आम आदमी पार्टी ने भेजा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन
- गन्ना किसानों के पिछले पेराई सत्र वर्ष 2023-24 का बकाया भुगतान की मांग
- गन्ना मिल पर डालने के 24 घंटे के अंदर आनलाइन भुगतान की मांग
क्षेत्र को गन्ना बेल्ट के रूप में जाना जाता है
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की फ़सल प्रमुख है। इस क्षेत्र को गन्ना बेल्ट के रूप में जाना जाता है लेकिन प्रत्येक वर्ष गन्ना किसानों को ना तो गन्ने का उचित मूल्य नहीं मिलता है। ना ही चीनी मिलों द्वारा समय से किसानों का भुगतान किया जाता है! प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी चीनी मीलों पर गन्ना किसानों का पिछली पेराई सत्र वर्ष 2023-24 का करोड़ों रुपया अभी तक बकाया है।
नया गन्ना पेराई सत्र शुरू हुए महीनो हो गए
जबकि नया गन्ना पेराई सत्र शुरू हुए महीनो हो गए हैं अति दुख का विषय है कि किसानों को समय से गन्ने का भुगतान न होने के कारण काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है,बेटी की शादी हो या बीमारी की दशा में या अन्य पारवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। मुख्यमंत्री से आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि गन्ना सत्र शुरू हो गया है लेकिन अभी तक सरकार द्वारा गन्ने का मूल्य (एसएपी) घोषित किया है। जब कि प्रदेश का किसान उम्मीद कर रहा था कि अक्टूबर में पेराई सत्र की शुरुआत से पहले ही गन्ना समर्थन मूल्य की घोषणा की जाएगी। लेकिन अब जब आधा नवंबर भी बीतने को है और गन्ना किसानों को अभी भी नहीं पता है कि उनकी फसल के लिए मिलों से क्या कीमत मिलेगी।
गन्ने की कीमत केवल 35 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा
प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार सत्ता में आई है, तब से उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत केवल 35 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा है। जो कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के दौरान बढ़ाई गई कीमत से काफी कम है। इसके बावजूद सरकार द्वारा अभी तक गन्ने का रेट ही तय नहीं किया गया है और न ही इस सत्र मे गन्ना किसानों को समय से गन्ना भुगतान किये जाने का भरोसा ही दिया गया है,किसान जी तोड़ मेहनत से भयंकर गर्मी, सर्द अँधेरी रातों में जंगली जानवरों के ख़तरे के बावजूद अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी फ़सल तैयार करता है।
गन्ना किसानों के प्रति घोर अन्याय है
आप कार्यकर्ताओं का कहना था कि देश में प्रधानमंत्री द्वारा डिजिटल इंडिया का नारा दिया जा रहा है तो गन्ना किसानों के लिए मिलों द्वारा नगद व उचित भुगतान न दिया जाना गन्ना किसानों के प्रति घोर अन्याय है।
मुख्यमंत्री से निम्न तीन मांग
गन्ना किसानों की समस्याओं को देखते हुए आम आदमी पार्टी गन्ना किसानो के हित में मुख्यमंत्री से निम्न तीन मांग करती है।
1. प्रदेश के गन्ना किसानों के पिछले पेराई सत्र वर्ष 2023-24 का बकाया भुगतान तुरंत मय ब्याज कराया जाय।
2. इस पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ने का ख़रीद मूल्य 550 रुपया प्रति क्विंटल तत्काल घोषित किया जाए।
3. पेराई सत्र 2024-25 से गन्ना किसानों को तुरंत मिल पर गन्ना डालने के 24 घंटे के अंदर ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
आम आदमी पार्टी मेरठ उप गन्ना आयुक्त कार्यालय मेरठ का घेराव करेगी। आज प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी के साथ महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी, जिला उपाध्यक्ष हबीब अंसारी, जिला संरक्षक एसके शर्मा, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल राघव, किसान प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष फुरकान त्यागी, जिला मीडिया प्रभारी हर्ष वशिष्ठ, किठौर विधानसभा अध्यक्ष राहुल भाटीपुरा और अंकुर आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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