इस बार जून का दूसरा सप्ताह भी खत्म हो गया लेकिन बाजार से आम की रौनक गायब है। हालात ये हैं कि 30 से 40 रुपए प्रति किलो बिकने वाला आम आज 100 से 120 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है...
Meerut News : आम खाने के शौकीनों को लगा झटका, बाजार से गायब हुआ फलों के राजा, जानें कारण
Jun 10, 2024 01:50
Jun 10, 2024 01:50
- पिछले साल की अपेक्षा इस बार देरी से आए पेड़ पर बौर
- एक महीना पिछड़ गई आम की फसल का उत्पादन पर असर
- पश्चिम यूपी जिलों के आम की मांग खाड़ी देशों तक
इस बार थी बंपर फसल की उम्मीद
फलों के राजा आम की फसल इस बार बेहतर होने की उम्मीद थी। आम बाग मालिकों और उद्यान विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन देर तक पड़ी सर्दी के कारण आम के पेड़ पर इस बार बौर काफी देरी से आए। वैसे भी इस बार आम की फसल अन्य सालों की अपेक्षा करीब 20 प्रतिशत कम है। इसका असर आम के उत्पादन और भाव पर भी पड़ेगा।
पश्चिम यूपी के आम का खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर,शामली और बिजनौर में आम की बंपर पैदावार होती है। इन जिलों में आम के बड़े बाग हैं। जहां से विदेशों में भी आम सप्लाई होता है। विदेश में खासकर खाड़ी देशों में पश्चिमी यूपी के आम की बहुत डिमांड रहती है। मेरठ के शाहजहापुर और किठौर क्षेत्र में आम के करीब 100 से अधिक बाग हैं। इन बागों से आम खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है।
मेरठ में 22 हजार हैक्टेयर में आम के बाग
बता दें कि मेरठ में 22 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में आम के बाग हैं। इन बागों से हर साल 10-12 करोड़ रुपए के आम का उत्पादन होता है। उद्यान विभाग के मेरठ मंडल के उप निदेशक विनीत कुमार ने बताया कि मेरठ मंडल के कई जिलों में आम के बाग हैं। सबसे अधिक आम के बाग, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर में हैं। उन्होंने बताया कि मेरठ में 22 मैट्रिक टन आम की पैदावार होती है। जिसमें से एक लाख टन आम का निर्यात विदेशों में किया जाता है। उन्होंने बताया कि आम की फसल इस बार मौसम के कारण कुछ प्रभावित हुई है। जिस कारण आम का उत्पादन करीब 30 दिन पिछड़ गया है। इससे बाजार में आम की फसल समय से नहीं पहुंच पाई है। जिसके चलते आम के किसानों को नुकसान हुआ है।
मेरठ से होता है विदेशों को निर्यात
मेरठ से कई देशों में आम निर्यात भी किया जाता है, जिनमें खाड़ी देश व भूटान मुख्य रूप से शामिल हैं। उन्होने बताया कि मेरठ में मुख्य रूप से लंगड़ा, चौसा, दशहरी, लखनऊ सफेदा, गुलाब जामुन व रामकेला प्रजाति के आम का उत्पादन होता है। ये आम मेरठ से कई अन्य देशों में सप्लाई होता है। जिनमें भूटान, नेपाल, खाड़ी देशों और अमेरिका तक जाता है। बाग मालिक सोनू ने बताया कि पिछले साल आम की फसल बहुत अच्छी थी। उद्यान विभाग के अनुसार, जिले में आम का संभावित उत्पादन वर्तमान सत्र 2024 में लगभग 15 हजार मीट्रिक टन रहने की संभावना है।
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