Meerut News : 27 साल से फरार चल रहे थे विधायक रफीक अंसारी, फरारी के दौरान 2022 में दोहराई थी जीत की कहानी

27 साल से फरार चल रहे थे विधायक रफीक अंसारी, फरारी के दौरान 2022 में दोहराई थी जीत की कहानी
UPT | सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मेरठ शहर विधायक रफीक अंसारी (फाइल फोटो)।

May 28, 2024 00:22

विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ दर्जनों गैर जमानती वारंट जारी होते रहे। लेकिन वो एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इलाहाबाद हाईकोर्ट से जब विधायक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पर दबाव पड़ा तो मेरठ एसएसपी ने सीओ सिविल लाइन के नेतृत्व में टीम गठित कर दी।

May 28, 2024 00:22

Short Highlights
  • मेरठ शहर विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं रफीक अंसारी
  • लगातार दो बाद से मेरठ शहर विधानसभा सीट से दर्ज की जीत
  • 1997 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जारी हुआ था गैर जमानती वारंट
Meerut News : इलाहाबाद हाईकोर्ट से 1997 में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी विधायक रफीक अंसारी गिरफ्तार होने से बचते रहे। इस दौरान रफीक अंसारी मेरठ शहर सीट से लगातार दो बार 2017 और 2022 में विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। 2022 में रफीक अंसारी ने जीत की कहानी दोहराई। किसी जमाने में मेरठ शहर सीट पर भाजपा का दबदबा होता था। लेकिन रफीक अंसारी ने भाजपा का किला भेद दिया था।

दर्जनों गैर जमानती वारंट जारी होते रहे
विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ दर्जनों गैर जमानती वारंट जारी होते रहे। लेकिन वो एक बार भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इलाहाबाद हाईकोर्ट से जब विधायक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पर दबाव पड़ा तो मेरठ एसएसपी ने सीओ सिविल लाइन के नेतृत्व में टीम गठित कर दी। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया। 

इस मामले में विधायक के खिलाफ जारी वारंट को चुनौती 
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी-एमएलए मेरठ की अदालत से आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत विचाराधीन आपराधिक मुकदमे में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ जारी वारंट को चुनौती दी गई थी। मुकदमे में सितंबर 1995 में 35-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। 22 आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट प्रस्तुत की गई थी।

याची के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत
उसके बाद याची के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया। जिस पर संबंधित अदालत ने अगस्त 1997 में संज्ञान लिया था। उसके बाद से रफीक अंसारी अदालत में पेश नहीं हुए थे।
12 दिसंबर 1997 को गैर-जमानती वारंट जारी हो गया था। इसके बाद हाईकोर्ट इलाहाबाद से विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ 101 गैर-जमानती वारंट जारी किए गए। धारा 82 सीआरपीसी के तहत कुर्की प्रक्रिया के बावजूद रफीक अंसारी अदालत में पेश नहीं हुए और वो हाईकोर्ट चले गए।

अदालत में पक्ष रखा कि 22 आरोपियों को 15 मई 1997 के फैसले में बरी कर दिया
रफीक अंसारी के वकील ने अदालत में पक्ष रखा कि 22 आरोपियों को 15 मई 1997 के फैसले में बरी कर दिया गया। ऐसे में विधायक के खिलाफ कार्रवाई रद होनी चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में डीजीपी को निर्देश दिए थे कि रफीक अंसारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए गैर-जमानती वारंट की तामील सुनिश्चित करें। इसके बाद से रफीक अंसारी की गिरफ्तारी के प्रयास पुलिस ने तेज कर दिए थे। 

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