Lok Sabha Election : कभी बुआ मायावती के साथ जाते थे भतीजे आकाश चुनाव प्रचार में, इस बार अकेले संभालेंगे कमान

कभी बुआ मायावती के साथ जाते थे भतीजे आकाश चुनाव प्रचार में, इस बार अकेले संभालेंगे कमान
UPT | बसपा के आकाश आनंद और चंद्रशेखर रावण

Mar 27, 2024 14:13

पिछले चुनाव में आकाश ने बुआ मायावती के साथ रहकर प्रचार की बारीकियां सीखी थी। तब बसपा का समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन था। इस बार बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव मैदान में...

Mar 27, 2024 14:13

Short Highlights
  • मायावती के भतीजे आकाश आनंद की पहली रैली नगीना में 
  • बसपा के पक्ष में आकाश आनंद करेंगे 25 चुनावी रैलियां
  • पिछले चुनाव में मायावती के साथ रहकर सीखी प्रचार की बारीकियां
BSP News : बहुजन समाज पार्टी की कमान इस बार मायावती के भतीजे आकाश आनंद के हाथ में है। आकाश आनंद बसपा प्रत्याशी के पक्ष में यूपी में 25 चुनावी रैलियां करेंगे। आकाश आनंद की पहली चुनावी रैली 1 अप्रैल को नगीना में होगी। नगीना सीट से भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर भी चुनावी मैदान में है। ऐसे में आकाश आनंद की पहली चुनावी रैली चंद्रशेखर के खिलाफ होगी। नगीना लोकसभा सीट पर पिछले चुनाव में बसपा ने जीत दर्ज की थी। 

कभी मायावती की थे परछाईं अब बदल गया रोल
बसपा के आकाश आनंद कभी बुआ मायावती की परछाईं बनकर चुनाव प्रचार में उनके साथ जाते थे। लेकिन इस बार आकाश आनंद का रोल बदला हुआ है। मायावती के भतीजे आकाश आनंद इस बार अकेले चुनाव प्रचार करेंगे। पिछले चुनाव में आकाश ने बुआ मायावती के साथ रहकर प्रचार की बारीकियां सीखी थी। तब बसपा का समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन था। इस बार बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव मैदान में है। पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश को अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी बनाया है। आकाश आनंद को बसपा का नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया है। आकाश आनंद यूपी में 1 अप्रैल से चुनाव प्रचार शुरू कर रहे हैं।

दलितों के रहनुमा बनने की लड़ाई
आकाश आनंद इस बार चुनाव प्रचार की शुरुआत चंद्रशेखर रावण के खिलाफ करेंगे। रावण इस बार नगीना सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। रावण आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। इंडिया गठबंधन ने चंद्रशेखर के लिए नगीना की सीट नहीं छोड़ी। जबकि वे गठबंधन की कुछ बैठकों में शामिल रहे थे। दलित समाज की राजनीति को लेकर आकाश और चंद्रशेखर के बीच लड़ाई जारी है। आकाश के साथ जहां बसपा और बुआ मायावती का साथ है वहीं चंद्रशेखर रावण के पास दलितों के हक की लड़ाई का अनुभव है। पश्चिम में जब भी कभी दलितों पर अत्याचार का बड़ा मामला सामने आया। चंद्रशेखर ने उनके हक की आवाज उठाई है। आकाश और चंद्रशेखर की तुलना होती है। इस पर सोशल मीडिया पर भी बहस जारी है कि भविष्य में दलितों के हक़ के लिए लड़ने वाला नेता कौन होगा! बीएसपी समर्थक आकाश आनंद में भविष्य का नेता देख रहे हैं। वहीं दलितों का एक गुट ऐसा है जिसे चंद्रशेखर रावण से उम्मीद हैं।

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