गंगा उत्सव की शोभा बढ़ाते हुए, पक्का घाट पर 2100 दीपों का दीपदान किया गया। इन दीपों की रोशनी से घाट का दृश्य और भी मनमोहक हो गया, और घाट दिव्यता से झिलमिला उठा।
Baghpat News : गंगा उत्सव पर यमुना आरती, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और दीपदान कर दिया जागरूकता का संदेश
Nov 08, 2024 09:47
Nov 08, 2024 09:47
- गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्जा मिलने की वर्षगॉठ मनाई
- डीएम सहित जिले के आलाधिकारियों ने किया भव्य आरती का आयोजन
- बालिकाओं ने 'राष्ट्रीय गंगा दिवस' के मौके पर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम
विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए
आरती के बाद, कस्तूरबा गांधी विद्यालय की बालिकाओं ने 'राष्ट्रीय गंगा दिवस' के मौके पर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उनके नृत्य, गीत और नाट्य प्रस्तुति ने वहां उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से नदियों के संरक्षण, जल प्रदूषण से बचाव और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सम्मान का संदेश दिया गया। कार्यक्रम का संचालन गंगा सम्मान से पुरस्कृत नेहरू युवा केन्द्र बागपत की वॉलंटियर सुषमा त्यागी ने किया।
हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से जन-जागरण
गंगा-यमुना की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। इस अभियान में हर उम्र के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और नदियों के संरक्षण के लिए संकल्प लिया। हस्ताक्षर अभियान का उद्देश्य था कि लोगों में जागरूकता के साथ-साथ इस जिम्मेदारी को साझा किया जाए कि नदियां हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं और उनका संरक्षण आवश्यक है।
दीपदान से घाट पर बिखरी दिव्यता
गंगा उत्सव की शोभा बढ़ाते हुए, पक्का घाट पर 2100 दीपों का दीपदान किया गया। इन दीपों की रोशनी से घाट का दृश्य और भी मनमोहक हो गया, और घाट दिव्यता से झिलमिला उठा। दीपदान के माध्यम से उपस्थित जनसमूह ने नदियों की पवित्रता, शुद्धता और शांति का संदेश प्रसारित किया। यह दृश्य स्थानीय लोगों के दिलों में गहरे धार्मिक और सांस्कृतिक भावों को संजोने वाला रहा।
नदियों की सुरक्षा व स्वच्छता का संकल्प भी लिया
इस अवसर पर डीएफओ राजेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने अपने विचारों में नदियों के महत्व पर जोर दिया और इस बात पर ध्यान आकर्षित किया कि नदियां हमारी सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। कार्यक्रम में आए सभी लोगों को नदियों के संरक्षण के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया गया और उनके साथ नदियों की सुरक्षा व स्वच्छता का संकल्प भी लिया गया।
*गंगा उत्सव की महत्ता और उद्देश्य*
यह कार्यक्रम न केवल गंगा और यमुना के प्रति श्रद्धा को प्रकट करने का एक प्रयास था, बल्कि आम जनता में नदी संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर था। जलवायु परिवर्तन और बढ़ते प्रदूषण के इस दौर में, इस प्रकार के आयोजन स्थानीय समुदाय को प्रेरित करते हैं कि वे नदियों की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति अपनी भूमिका समझें और इसे निभाने का प्रयास करें।
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