Digital Transactions : डिजिटल ट्रांजेक्शन के समय रखें सावधानी, एप के जरिए लोन लेने से पहले जान लें ये बात

डिजिटल ट्रांजेक्शन के समय रखें सावधानी, एप के जरिए लोन लेने से पहले जान लें ये बात
UPT | बड़ी खबर।

Aug 11, 2024 22:27

उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी मोबाइल बैंकिंग ट्रोजन के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। मोबाइल फोन सबकी जीवनशैली का हिस्सा बन गया है। ऐसे में मोबाइल से जुड़ी समस्याओं को लेकर अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए कुछ जरूरी बातों का  ध्यान रखना होगा।

Aug 11, 2024 22:27

Short Highlights
  • डिजिटल लेनदेन और बैंकिंग से हो रही धोखाधड़ी
  • एसएमएस फिशिंग अटैक तो कभी केवाइसी अपडेट के नाम पर ठगी
  • बेटिंग एप से भी हो रहे ठगी के मामले में वृद्धि   
Meerut News : मेरठ और एनसीआर के जिलों में साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। डिजिटल लेनदेन और आनलाइन बैंकिंग से जुड़े ठगी के मामलों में वृद्धि हो रही है। एसएमएस फिशिंग अटैक और केवाइसी अपडेट या आनलाइन लोन के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है। मोबाइल बैंकिंग की पहुंच अब सभी वर्गों में है। इसका दायरा लगातार बढ़ रहा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआइ) से डिजिटल भुगतान में तेजी से परिवर्तन आया है। आम लोगों को जहां इससे सुविधा हुई है। वहीं इसकी चुनौतियां भी सामने आई हैं।

बेटिंग एप सक्रिय
डिजिटल के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ता देख बड़ी संख्या में माइक्रो फाइनेंसिंग एप आए हैं। कुछ बेटिंग एप भी सक्रिय हैं। इस तरह के एप आम लोगों के लिए मुश्किल बढ़ा रहे हैं। ऐसे में जरूरी हो गया है  कि डिजिटल तरीके से लेनदेन के दौरान हमेशा सावधानी बरते।

इन स्तरों पर धोखाधड़ी
कई माइक्रो फाइनेंसिंग एप केवाईसी या कागजों के सत्यापन के बिना लोन देते हैं। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। ये लोन एप पहले ग्राहकों को फंसाते हैं, फिर उनको ब्लैकमेल करते हैं। इनसे कई स्तरों पर नुकसान होता है। बीते दिनों केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मनी लांड्रिंग, डेटा चोरी, कस्टम नियमों के उल्लंघन और धोखाधड़ी आशंका को देखते हुए अनेक एप पर बंद कर दिए थे। जिन एप पर कार्यवाही की गई है उनमें 138 बेटिंग और 94 लोन एप हैं। इन एप पर कर्जदाताओं के साथ बदसलूकी करने का आरोप है।

हर तरफ सक्रिय साइबर अपराधी 
साइबरर एक्सपर्टस विभु त्रिपाठी ने बताया कि मोबाइल बैंकिंग ट्रोजन इंस्टालर्स की संख्या तेजी से बढी है। बीते साल 2022 में इनकी संख्या दो लाख से अधिक है। जो पूर्ववर्ती साल की तुलना में दोगुने से अधिक है। वहीं 2024 तक इसकी संख्या छह लाख तक बढ़ी है। उन्होंने बताया कि साइबर सुरक्षा फर्म कैसपर्स्काइ की मोबाइल थ्रेट रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल बैंकिंग ट्रोजंस की संख्या पिछले पांच सालों में उच्चतम स्तर पर पहुंची है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी मोबाइल बैंकिंग ट्रोजन के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं। मोबाइल फोन सबकी जीवनशैली का हिस्सा बन गया है। ऐसे में मोबाइल से जुड़ी समस्याओं को लेकर अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए कुछ जरूरी बातों का  ध्यान रखना होगा।

लोन आवेदन लिंक से ना करें 
लोन का दावा करने वाली कंपनियों में कुछ फर्जी होती हैं। जो लोन के लिए पहले एप पर रजिस्ट्रेशन करने को कहती हैं। लिंक भेजने पर कहा जाता है कि इस पर क्लिक करने पर लोन मिल जाएगा। इसके लिए सिक्योरिटी व दस्तावेजों की जरूरत नहीं। फ्राड करने वाले भेजे लिंक पर क्लिक करने और प्ले स्टोर से एप डाउनलोड करने के बोलते हैं। बता दें कोई बैंक लिंक पर क्लिक करने या फिर एप डाउनलोड करने से लोन नहीं देता है। लिंक पर क्लिक करने से निजी जानकारी शेयर होती है। इससे बैंक अकाउंट में सेंधमारी हो जाती है। 

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