बुलंदशहर में मिला 50 साल पुराना मंदिर : 1990 के दंगों के बाद बंद हुई पूजा, हिंदू संगठनों ने किया पुनर्निर्माण के लिए अनुरोध

1990 के दंगों के बाद बंद हुई पूजा, हिंदू संगठनों ने किया पुनर्निर्माण के लिए अनुरोध
UPT | बुलंदशहर में मिला 50 साल पुराना मंदिर

Dec 22, 2024 19:14

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा में 50 साल पुराना एक मंदिर पाया गया है, जो पिछले तीन दशकों से बंद पड़ा हुआ था। यह मंदिर 1990 के दंगों के बाद से पूजा से वंचित था...

Dec 22, 2024 19:14

Bulandshahr News : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा में 50 साल पुराना एक मंदिर पाया गया है, जो पिछले तीन दशकों से बंद पड़ा हुआ था। यह मंदिर 1990 के दंगों के बाद से पूजा से वंचित था, जब क्षेत्र में रहने वाले हिंदू परिवारों का पलायन हो गया था। अब हिंदू संगठनों ने प्रशासन से इस मंदिर के जीर्णोद्धार की अपील की है, ताकि वहां पुनः धार्मिक गतिविधियां शुरू हो सकें।

50 साल पुराना मंदिर मिला
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और जाटव विकास मंच के पदाधिकारियों ने बुलंदशहर जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस मंदिर का पुनर्निर्माण और सफाई कार्य किया जाए। साथ ही, मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ पूजा-अर्चना की प्रक्रिया भी शुरू की जाए। विहिप के मेरठ प्रांत के पदाधिकारी सुनील सोलंकी ने बताया कि यह मंदिर 1990 से बंद पड़ा था। उस समय इस क्षेत्र के हिंदू परिवारों ने सांप्रदायिक हिंसा के कारण अपना घर छोड़ दिया था, जिसके बाद से मंदिर में पूजा नहीं हो पाई।



हिंदू संगठनों की अपील
सोलंकी ने यह भी बताया कि विहिप ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मंदिर की सफाई और पुनर्निर्माण के लिए अनुरोध किया गया है। जाटव विकास मंच के अध्यक्ष कैलाश भागमल गौतम ने बताया कि यह मंदिर लगभग 50 साल पुराना है और इसे जाटव समुदाय के सदस्यों ने बनाया था। उन्होंने बताया कि इस मंदिर में पूजा का आयोजन नियमित रूप से होता था, लेकिन दंगों के बाद समुदाय का पलायन होने के कारण यह बंद हो गया। उन्होंने विहिप के साथ मिलकर इस मंदिर की पूजा गतिविधियों को फिर से शुरू करने का औपचारिक रूप से अनुरोध किया है।

मंदिर की संरचना बरकरार
इस मंदिर की संरचना अभी भी बरकरार है, लेकिन मूर्तियों को कथित रूप से एक जाटव परिवार के सदस्य द्वारा ले जाया गया था और उन्हें पास की नदी में विसर्जित कर दिया गया। खुर्जा के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) दुर्गेश सिंह ने भी इस मंदिर के अस्तित्व की पुष्टि की है और कहा कि इस स्थल पर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रशासन मंदिर के जीर्णोद्धार पर विचार करेगा। इस मंदिर का जीर्णोद्धार और पूजा कार्य शुरू होने से न केवल धार्मिक गतिविधियों में पुनरुद्धार होगा, बल्कि क्षेत्र के लोगों में सामूहिक एकता और शांति का संदेश भी जाएगा।

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