चौधरी चरण सिंह से कमतर नहीं थीं गायत्री देवी : पार्टी वर्कर्स की सुनती थीं समस्याएं, दो सदनों में किया जनता का प्रतिनिधित्व

पार्टी वर्कर्स की सुनती थीं समस्याएं, दो सदनों में किया जनता का प्रतिनिधित्व
UPT | चौधरी चरण सिंह, गायत्री देवी

Mar 19, 2024 22:43

गायत्री देवी का जन्म दिसंबर 1905 में हरियाणा के सोनीपत जिले के कुंडलीगढ़ी गांव में हुआ था। उनका जन्म एक जाट परिवार में हुआ था। गायत्री देवी एक बहुत पढ़ी-लिखी और साहसी महिला थीं। उन्होंने...

Mar 19, 2024 22:43

Short Highlights
  • गायत्री देवी ने अपना पहला चुनाव साल 1969 में लड़ी थीं
  • साल 1980 के चुनाव में गायत्री देवी कैराना लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी थीं
Meerut : 2 बार की विधायक और लोकसभा का चुनाव लड़ चुकीं गायत्री देवी सिर्फ देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पत्नी नहीं थीं बल्कि एक समाजसेविका भी थीं। चरण सिंह के साथ कदम से  मिलाकर उनका साथ देती थीं। साथ ही वह गांव में रहकर कृषि का भी काम देखती थीं। साथ ही ग्रामीण किसानों की हर समस्या को सुनना और उनका उचित निराकरण करना उनकी आदत थी। गायत्री देवी कार्यकर्ताओं की दिक्कतों को सुनती थीं, साथ ही उसको सुलझाने का काम भी करती थीं। चौधरी चरण सिंह की गैर मौजूदगी में उनके लिए आए नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी किसी मुद्दे पर विचार-विमर्श करती थीं। वह अपने अंतिम समय तक सामाजिक कार्यों से जुड़ी हुई थीं। गायत्री देवी का निधन 10 मई 2002 को हुआ था।

चरण सिंह के कई निर्णयों में निभाई अहम भूमिका
गायत्री देवी का जन्म दिसंबर 1905 में हरियाणा के सोनीपत जिले के कुंडलीगढ़ी गांव में हुआ था। उनका जन्म एक जाट परिवार में हुआ था। गायत्री देवी एक बहुत पढ़ी-लिखी और साहसी महिला थीं। उन्होंने एम० ए० तक पढ़ाई की थी। साल 1925 में उनकी शादी चौधरी चरण सिंह से हुई थी। शादी के बाद उन्होंने अपने पति चरण सिंह का पूरा साथ दिया। घर के साथ-साथ वो सामाजिक कार्यों में भी पूरा समय दिया करती थीं। उनके बारे में यह भी कहा जाता है की जब देश के कोने-कोने से आए पार्टी के कार्यकर्त्ता चौधरी चरण सिंह से मुलाकात नहीं कर पाते या किसी कारण निराश होकर जाते तो गायत्री देवी ही उनकी दिक्कतों को सुनती थीं। साथ ही उसके समाधान का का उपाय खोजती थीं। उनके बारे में यह बात कही जाती है कि चौधरी चरण सिंह के सफलता के पीछे कहीं न कहीं बड़ा योगदान उनकी पत्नी गायत्री देवी का भी था। चौधरी चरण सिंह के कई महत्वपूर्ण निर्णयों में भी उनकी अहम भूमिका रही है।

1980 में बनी सांसद
गायत्री देवी का चुनावी सफर भी दिलचस्प रहा है। उन्होंने अपना पहला चुनाव साल 1969 में लड़ा था। गायत्री देवी ने 1969 में अलीगढ़ के इगलास से अपना पहला चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में जीतकर वो पहली बार उत्तर प्रदेश विधान सभा पहुंची थीं। उन्होंने यह चुनाव  भारतीय क्रांति दल के टिकट पर लड़ा था। यह पार्टी उनके ही पति चौधरी चरण सिंह द्वारा स्थापित की गई थी। जिसके बाद वो मथुरा के गोकुल क्षेत्र से विधायक भी चुनी गईं। विधायक के साथ-साथ वो लोकसभा में भी रह चुकी हैं। साल 1980 के चुनाव में गायत्री देवी कैराना लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी थीं। जिसमें जीत के बाद वो पहली बार सांसद बनकर संसद पहुंची थीं। यह चुनाव उन्होंने जनता पार्टी (सेक्युलर) के चिन्ह पर लड़ा था।

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