दारुल उलूम से बड़ा ऐलान : मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था के इस फैसले से बढ़ी बेचैनी, सपा को झटका

मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था के इस फैसले से बढ़ी बेचैनी, सपा को झटका
UPT | देवबंद दारुल उलूम

Feb 14, 2024 16:18

लोकसभा के चुनावी माहौल में देवबंद स्थित दारुल उलूम के उलेमाओं का ये फैसला उन नेताओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है जो मुस्लिम वोटों के नुमाइंदगी करते थे। दारुल उलूम के इस फैसले से समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है।

Feb 14, 2024 16:18

Meerut News : मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था और अपने फतवों को लेकर विश्व में सुर्खियों में रहने वाले दारुल उलूम के इदारे से उलमाओं का एक और बड़ा ऐलान हुआ है। दारुल उलूम के उलमाओं ने तय किया है कि वो लोकसभा चुनाव के दौरान ना तो किसी राजनैतिक दल का समर्थन करेंगे और ना किसी नेता का स्वागत करेंगे। इतना ही नहीं देवबंद दारुल उलूम के उलमा किसी राजनैतिक दल के नेता से मुलाकात भी नहीं करेंगे। 

लोकसभा चुनावी माहौल में मुस्लिम वोटों के नुमाइंदों को बड़ा झटका
लोकसभा के चुनावी माहौल में देवबंद स्थित दारुल उलूम के उलेमाओं का ये फैसला उन नेताओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है जो मुस्लिम वोटों के नुमाइंदगी करते थे। दारुल उलूम के इस फैसले से समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। दारुल उलूम के इस फैसले के बाद अब नेता लोकसभा चुनाव में देवबंद के इस मुस्लिम इदारे की सियासी परिक्रमा नहीं कर सकेंगे। पिछले कई दिनों से देश में बन रहे राजनैतिक माहौल के चलते दारुल उलूम ने चुनाव के मद्देनजर ये बड़ा फैसला लिया है। 

इस्लामी तालीम के लिए दुनिया में विख्यात दारुल उलूम
बता दें देवबंद स्थित दारुल उलूम मुस्लिम तालीम के लिए दुनिया भर में विख्यात है। विश्च में इस्लामी तालीम देने वाले दारुल उलूम में देश विदेश से हजारों छात्र प्रतिवर्ष शिक्षण के लिए आते हैं। दारुल उलूम से समय—समय पर फतवे भी जारी होते रहे हैं। दारुल उलूम के इदारे से चुनाव के दौरान दिए जाने वाले फतवे काफी मायने रखते थे। दारुल उलूम के फतवे से मुस्लिम मतदाताओं का मिजाज तय होता था। लेकिन इस बार इस्लामी तालीम के लिए विख्यात दारुल उलूम ने लोकसभा चुनाव को लेकर ये बड़ा ऐलान कर सबको चकित कर दिया है। हालांकि अभी 
लोकसभा चुनाव की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन मतदाताओं को लेकर सियासत गरम है। ऐसे में सभी दलों की नजरें दारुल उलूम पर भी लगी हुई हैं। दल मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं।

देश विदेश के करोड़ों की संख्या में मुसलमान जुड़े 
इस्लामी तालीम के इस बड़े केंद्र दारुल उलूम से देश विदेश से करोड़ों की संख्या में मुसलमान जुड़े हुए हैं। ये दारुल उलूम की तरफ से जारी किए गए हर फैसले का तहेदिल से सम्मान करते हैं। इसके अलावा इन फैसलों पर अमल भी किया जाता है। इसलिए हमेशा चुनाव के समय में नेता मुस्लिम वोटों के लालच में दारुल उलूम पहुंचना शुरू करते हैं। 

दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी ने बताया
दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नौमानी ने बताया कि इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं किया जाएगा। कुछ साल पहले एक पार्टी के मुखिया यहां पर आए थे। उनके साथ आए स्थानीय नेता ने पूर्व मोहतमिम का हाथ पार्टी मुखिया के सिर पर रखवाया था। जिसका बाहर जाकर प्रचार किया गया। इस वजह से अब ये फैसला लिया गया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि बदले समीकरण और हालात को देखते हुए उन्होंने ये फैसला लिया है। 

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