गौतमबुद्ध नगर : चिटहेरा भूमि घोटाले के गैंगस्टर की मौत, यशपाल तोमर के साथ मिलकर किया था अरबों का स्कैम

चिटहेरा भूमि घोटाले के गैंगस्टर की मौत, यशपाल तोमर के साथ मिलकर किया था अरबों का स्कैम
UPT | गैंगस्टर नरेंद्र कुमार

Mar 16, 2024 17:11

गौतमबुद्ध नगर ज़िले के दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर है। इस मामले में आरोपी गैंगस्टर नरेंद्र कुमार की मौत हो...

Mar 16, 2024 17:11

Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर ज़िले के दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर है। इस मामले में आरोपी गैंगस्टर नरेंद्र कुमार की मौत हो गई है। नरेंद्र कुमार ग्रेटर नोएडा की लुकसर जेल में बंद था। बीमार होने के कारण उसे अस्पताल भेजा गया था। उसकी तबियत लगातार बिगड़ती चली गई। छह मार्च की रात उसकी मौत हो गई है। आपको बता दें कि चिटहेरा भूमि घोटाले में 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है। गैंगस्टर एक्ट के तहत 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई है।

एक साल फरार रहा नरेंद्र कुमार
नरेंद्र कुमार पुत्र पीताम्बर मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला था। नरेंद्र कुमार को चिटहेरा भूमि घोटाले में शामिल कंपनी त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड ने अपना अथोराइज्ड सिग्नेटरी बनाया था। नरेंद्र कुमार के जरिये त्रिदेव रिटेल कंपनी के मालिकान ने बड़े पैमाने पर किसानों से ज़मीन हड़पी थीं। फर्जीवाड़ा करके सरकारी जमीन कंपनी के नाम करवाई थी। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड को भूमाफिया कंपनी घोषित किया था। नरेंद्र कुमार समेत कंपनी के तीन निदेशकों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करवाई थी। नरेंद्र कुमार के अलावा दो निदेशक अनिल राम और साधना राम हैं। अनिल राम और साधना राम चिटहेरा भूमि घोटाले से जुड़े मुख्य मुकदमे में आरोपी हैं। आपको बता दें कि अनिल और साधना उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के रिश्तेदार हैं। साकेत बहुगुणा के सास और ससुर हैं। इस मामले में जब गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई की। त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के अथॉराइज्ड नरेंद्र कुमार को भी आरोपी बनाया था। नरेंद्र कुमार करीब एक साल तक फरार रहा। उस पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।

नरेंद्र ने किसानों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया
आपको बता दें कि चेहरा गांव में जब किसानों ने यशपाल तोमर, राजेश शर्मा और उनके गैंग को जमीन देने से इनकार कर दिया तो उनके ख़िलाफ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में फ़र्ज़ी मुक़दमे दर्ज करवाए गए। किसानों के ख़िलाफ़ सबसे पहला मुक़दमा नरेंद्र कुमार ने दिल्ली के कश्मीरी गेट थाने में दर्ज करवाया था। हालांकि, अब नरेंद्र कुमार ने इस मुकदमे की जानकारी होने से साफ इंकार किया है। इतना ही नहीं, नरेंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उसने कहा है कि उसे कश्मीरी गेट थाने में किसानों के ख़िलाफ दर्ज करवाए गए मुकदमे की कोई जानकारी नहीं है। उसकी आईडी का ग़ैर वाजिब इस्तेमाल किया गया है। मुकदमा डालने के लिए इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों पर उसके दस्तखत नहीं हैं। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जांच सौंपी है।

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