नोएडा में होम बायर्स की बढ़ी परेशानी : स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, समय पर भुगतान के बावजूद नहीं हुई रजिस्ट्री

स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, समय पर भुगतान के बावजूद नहीं हुई रजिस्ट्री
UPT | स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट

Dec 16, 2024 20:09

नोएडा के सेक्टर-79 स्थित स्पोर्ट्सवुड प्रोजेक्ट से जुड़े 44 होम बायर्स के लिए एक बड़ी समस्या सामने आई है। पांच साल बीत जाने के बाद भी उनके फ्लैट की रजिस्ट्री और पजेशन नहीं हो पाया है।

Dec 16, 2024 20:09

Noida News : नोएडा के सेक्टर-79 स्थित स्पोर्ट्सवुड प्रोजेक्ट से जुड़े 44 होम बायर्स के लिए एक बड़ी समस्या सामने आई है। पांच साल बीत जाने के बाद भी उनके फ्लैट की रजिस्ट्री और पजेशन नहीं हो पाया है। इस मामले को लेकर बायर्स ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने नोएडा प्राधिकरण और डेवलपर पर आरोप लगाए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नोएडा प्राधिकरण से जवाब तलब किया है और अगली सुनवाई के लिए 10 जनवरी 2025 की तारीख तय की है।

समय पर भुगतान के बावजूद नहीं हुई रजिस्ट्री
याचिका में बायर्स ने आरोप लगाया है कि उन्होंने समय पर फ्लैट की पूरी कीमत चुकाई और सभी आवश्यक औपचारिकताएं भी पूरी कर दीं। इसके बावजूद रजिस्ट्री में हो रही देरी के कारण वे फ्लैट का पूर्ण स्वामित्व प्राप्त नहीं कर सके हैं। बायर्स का कहना है कि रजिस्ट्री न होने के चलते वे अपने फ्लैट को बेचने या स्थानांतरित करने में असमर्थ हैं। साथ ही, सर्किल रेट में संभावित बढ़ोतरी से रजिस्ट्री की लागत बढ़ने की आशंका है, जिससे उनका आर्थिक नुकसान हो सकता है।

स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट की स्थिति
स्पोर्ट्सवुड प्रोजेक्ट, नोएडा प्राधिकरण के स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 2010 में हुई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत 70% भूमि स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आरक्षित थी, जबकि बाकी भूमि रेजिडेंशियल और कमर्शियल उपयोग के लिए निर्धारित की गई थी। नोएडा प्राधिकरण ने इस योजना के लिए चार कंसोर्टियम को भूमि आवंटित की थी, जिनमें से एक जेनाडू एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ने इस भूमि को 16 हिस्सों में विभाजित कर विभिन्न प्रोजेक्ट्स शुरू किए।



रजिस्ट्री न होने से बढ़ा बायर्स का आक्रोश
स्पोर्ट्सवुड प्रोजेक्ट में शामिल कई बायर्स का कहना है कि समय पर भुगतान और दस्तावेजों को पूरा करने के बावजूद रजिस्ट्री में देरी हो रही है। बायर्स ने प्रोजेक्ट की योजना और कार्यान्वयन में प्रशासनिक खामियों का भी आरोप लगाया है। वहीं, नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि रजिस्ट्री में देरी का कारण कुछ कानूनी और प्रशासनिक अड़चनें हैं।

10 जनवरी को अगली सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए नोएडा प्राधिकरण से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने 10 जनवरी 2025 को अगली सुनवाई की तारीख तय की है। इस सुनवाई में प्राधिकरण को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। बायर्स को उम्मीद है कि इस मामले के समाधान से रजिस्ट्री प्रक्रिया में तेजी आएगी और उनके लंबित मुद्दे हल होंगे।

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