यमुना सिटी के सेक्टर-18 और सेक्टर-20 में साल 2009 में 21,000 भूखंडों का आवंटन किया गया था। इनमें 300 वर्गमीटर, 400 वर्गमीटर, 1,000 वर्गमीटर, 2,000 वर्गमीटर और 4,000 वर्गमीटर के भूखंड शामिल थे।
आज की सबसे बड़ी खबर : यमुना अथॉरिटी की पहली रेजिडेंशियल प्लॉट स्कीम में फंसे आवंटियों को राहत मिलेगी, किसानों से हुआ फैसला
Jul 10, 2024 20:52
Jul 10, 2024 20:52
किसानों ने किया था भूमि अधिग्रहण का विरोध
यमुना सिटी के सेक्टर-18 और सेक्टर-20 में साल 2009 में 21,000 भूखंडों का आवंटन किया गया था। इनमें 300 वर्गमीटर, 400 वर्गमीटर, 1,000 वर्गमीटर, 2,000 वर्गमीटर और 4,000 वर्गमीटर के भूखंड शामिल थे। भट्टा और परसौल गांवों के किसानों ने इस योजना के लिए किए जा रहे भूमि अधिग्रहण का विरोध किया। बड़ा आंदोलन खड़ा हो गया। भट्टा परसौल का किसान आंदोलन खड़ा हो गया था। करीब दस वर्षों तक यह आवासीय योजना ठंडे बस्ते में पड़ी रही। अब पिछले तीन-चार वर्षों से यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने किसानों से बातचीत शुरू की। किसानों ने धीरे-धीरे मुकदमे वापस लेने शुरू किए। आवंटियों को उनके प्लॉट्स मिलने लगे।
15 साल से इंतजार कर रहे थे लोग
आवासीय योजना के 1,326 आवंटियों को उनके भूखंडों पर अब तक कब्जा नहीं मिला है। यह लोग 15 वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा, "अब इनका इंतजार खत्म होने वाला है। दरअसल, इन आवंटियों के भूखंड परसौल गांव की जमीन पर हैं। परसौल गांव के किसानों और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमे चल रहे थे। अब किसानों और प्राधिकरण के बीच फैसला हो गया है। इस फैसले के तहत किसानों से 135 हेक्टेयर जमीन प्राधिकरण को मिल जाएगी। इस जमीन पर प्राधिकरण आवासीय भूखंडों का आवंटन कर दिया जाएगा।"
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