नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई बिल्डरों की 38 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही हैं, जिससे पहले से ही परेशान खरीदारों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 38 ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट पर संकट, लाखों लोगों के टूटेंगे सपने
Jun 28, 2024 13:38
Jun 28, 2024 13:38
धीमी गति से चल रही परियोजनाएं
पिछले कुछ वर्षों में नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में कई बिल्डरों ने आवासीय परियोजनाएं शुरू की। शुरुआत के पांच-छह साल तक निर्माण कार्य तेजी से हुआ और खरीदारों को फ्लैट मिलना शुरू हुआ। लेकिन वर्ष 2020 के आते-आते यह गति धीमी पड़ गई और अब यह प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, नोएडा में ग्रुप हाउसिंग से जुड़ी बिल्डरों की कई परियोजनाएं इस समय नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चल रही हैं। इनमें एनसीएलटी के आदेश पर आईआरपी की नियुक्ति हो चुकी है, जो संबंधित परियोजनाओं के कामकाज को देख रहे हैं। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की करीब 21 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं भी एनसीएलटी में चल रही हैं, जिनमें सबसे ज्यादा सुपरटेक की परियोजनाएं शामिल हैं।
खरीदारों की समस्याएं
खरीदारों का कहना है कि परियोजनाओं में आईआरपी नियुक्त होने के दो-तीन साल बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। रजिस्ट्री और मरम्मत जैसे महत्वपूर्ण काम अटके पड़े हैं और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आईआरपी से मिलना भी मुश्किल हो रहा है।
अमिताभकांत समिति की सिफारिशें
फ्लैट खरीदारों की सहूलियत के लिए सरकार ने दिसंबर 2023 में अमिताभकांत समिति की सिफारिश से संबंधित पैकेज को मंजूरी दी थी। इस पैकेज के तहत एनसीएलटी में चल रही बिल्डर परियोजनाओं को 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के समय का जीरो पीरियड का लाभ दिया जा सकता है। लेकिन शर्त यह है कि एनसीएलटी से संबंधित बिल्डर को केस वापस लेना होगा, जो कि मुश्किल है। एनसीएलटी में वही केस दायर करता है, जिसका बिल्डर पर बकाया होता है, ऐसे में बिल्डर सीधे तौर पर केस वापस नहीं ले सकते। इस कारण अमिताभकांत समिति के पैकेज का लाभ वे बिल्डर नहीं उठा पा रहे हैं, जिनके केस एनसीएलटी में चल रहे हैं।
सुपरनोवा के खरीदारों की बैठक
हाल ही में दिवालिया प्रक्रिया की सूची में जुड़ी सुपरटेक बिल्डर की सुपरनोवा परियोजना के खरीदारों की चिंता और बढ़ गई है। इसको लेकर आगे की रणनीति बनाने के लिए खरीदार शुक्रवार सुबह बैठक करेंगे। इस बैठक में खरीदारों के हितों की रक्षा और परियोजनाओं के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए कदम उठाने पर चर्चा होगी। नोएडा-ग्रेटर नोएडा में चल रही दिवालिया प्रक्रियाओं से जुड़ी इन परियोजनाओं में फंसे खरीदारों के लिए समय बेहद कठिन है। सरकार और प्राधिकरणों को इस स्थिति का शीघ्र समाधान निकालना चाहिए ताकि आम नागरिकों का अपने घर का सपना साकार हो सके और उनकी समस्याओं का समाधान हो।
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