गौतमबुद्ध नगर में दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में अरबों रुपये का भूमि घोटाला करने वाला गैंगस्टर भूमाफिया यशपाल तोमर दो साल से जेल में बंद है। लेकिन इस घोटाले का भरपूर लाभ उठाने वाला राजेश शर्मा मौज की छान रहा है। वह किसानों को लूटकर कारोबार फैला रहा...
चिटहेरा भूमि घोटाला : किसानों को लूटकर कारोबार फैला रहा माफिया राजेश शर्मा, गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई होगी?
Feb 20, 2024 18:34
Feb 20, 2024 18:34
- राजेश शर्मा अपनी पत्नी छाया शर्मा के नाम शिफ्ट कर रहा है बिजनेस
- किसानों को लूटने के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने की कंपनी खोली
- चिटहेरा भूमि घोटाले में लगा गैंगस्टर लेकिन राजेश शर्मा कैसे बच निकला
- मामले की जांच करने वाले इंस्पेक्टर ने मिलीभगत की, निलंबित किया गया
खंडेरा में जांच शुरू होगी, राजेश पर गैंगस्टर लगेगा
राजेश शर्मा और छाया शर्मा की कंपनी ने चिटहेरा में किसानों को लूटा और उसके बाद पड़ोसी गांव खंडेरा को भी लूटने की योजना तैयार की है। एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने खंडेरा गांवों में 25 किसानों के रद्द हो चुके सरकारी पट्टों के एग्रीमेंट किए हैं। इन एग्रीमेंट के बारे में हम पिछले समाचार में विस्तार से जानकारी प्रकाशित कर चुके हैं। खंडेरा से जुड़े मामले में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि चिटहेरा भूमि घोटाले की तरह खंडेरा में हुए एग्रीमेंट भी जांच करवाई जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद क़ानूनी कार्रवाई होगी। दूसरी तरफ गौतमबुद्ध नगर पुलिस गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में राजेश शर्मा को शामिल करने के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता से क़ानूनी राय लेगी।
एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स को चला रही है छाया शर्मा
राजेश शर्मा अपना कारोबार पत्नी छाया शर्मा के नाम पर शिफ्ट कर रहा है। अब इन दोनों ने कुछ और लोगों के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने का नया वेंचर लांच किया है। जिसमें कानूनी अनियमितता की गई है। जिसे लेकर सरकार को शिकायत भेजी गई है। चिटहेरा गांव में किसानों से जमीन हड़पने वाली कंपनी एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश कुमार शर्मा और पवन गुप्ता हैं, लेकिन इसका पूरा काम छाया शर्मा देखती है। यह कंपनी बिजनेस मैनेजमेंट सोल्यूशन पर काम करती है। इंडिया मार्ट और कई डिजिटल प्लेटफार्म पर कंपनी प्रोफाइल में छाया शर्मा का नाम दर्ज है।
राजेश शर्मा ने चिटहेरा के किसानों को कैसे लूटा
गौतमबुद्ध नगर की दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में अरबों रुपये का भूमि घोटाला हुआ। जिसका मास्टरमाइंड गैंगस्टर भूमाफिया यशपाल तोमर हरिद्वार जेल में बंद है। उसे करीब 25 महीनों से जमानत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लंबित है। नए किरदार राजेश शर्मा ने यशपाल तोमर से भी कहीं लाभ ज्यादा उठाया है और आराम से मौज ले रहा है। चिटहेरा गांव के किसानों को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से जमीन का मुआवजा मिला और तुरंत राजेश शर्मा के बैंक खातों में चला गया। किसान धनपत सिंह पुत्र गंगादास को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने मुआवजा दिया। अथॉरिटी ने 30 जुलाई 2016 को धनपत के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया दादरी के खाते में 1,19,70,000 रुपये ट्रांसफर किए थे। उसी दिन यह पैसा राजेश शर्मा के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया गया था। सुनहरी देवी पत्नी नत्थी के खाते से 1,11,49,000 रुपये और वेद प्रकाश गौतम पुत्र जय सिंह के खाते से 58,65,000 रुपये 30 जुलाई 2016 को राजेश शर्मा के बैंक खाते में आरटीजीएस या एनईएफटी के जरिए ट्रांसफर किए गए। इसके बाद 02 अगस्त 2016 राजेश कुमार पुत्र यादराम को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने 82,47,800 रुपये मुआवजा भेजा था। यह पैसा भी थोड़ी देर बाद राजेश शर्मा को ट्रांसफर कर दिया गया था। किसान अनिल कुमार विजय सिंह को प्राधिकरण ने 75,86,000 रुपये बतौर मुआवजा भेजे थे। यह पैसा भी हाथोंहाथ राजेश शर्मा को ट्रांसफर कर दिया गया है। कुल मिलाकर 3,91,32,800 रुपये राजेश शर्मा के बैंक खातों में गए हैं। यह पूरा बयौरा Uttar Pradesh Times के पास उपलब्ध है।
राजेश का दिल्ली के केबल नेटवर्क से ताल्लुक
राजेश शर्मा का ताल्लुक दिल्ली के केबल कारोबार से है। फिलहाल वह तीन कंपनियां ग्रीन कैकेटसु ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड और एसएचआर टेलीसर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का संचालन कर रहा है। चिटहेरा भूमि घोटाले को अंजाम देने के लिए राजेश शर्मा ने अपनी सबसे पुराणी कंपनी एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया है। यह पूरा मामला मणि लॉन्ड्रिंग का है। चिटहेरा भूमि घोटाले में यशपाल तोमर की करीब 200 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं। उसके खिलाफ हरिद्वार, मेरठ और गौतमबुद्ध नगर में गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे दर्ज किए गए हैं, लेकिन राजेश शर्मा इस कार्रवाई की जद में नहीं आया है।
घोटाले में यशपाल से बड़ा बेनिफिशयरी राजेश
चिटहेरा गांव के किसानों का कहना है, "हमारी जमीन दो कंपनियों ने हथियाई हैं। एक त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी और इसके निदेशक मंडल को भूमाफिया घोषित किया गया है। तीन निदेशकों के खिलाफ पुलिस के चार्जशीट दाखिल की है। कंपनी का आधिकारिक व्यक्ति नरेंद्र गैंगस्टर एक्ट में फरार चल रहा है। उस पर ईनाम घोषित है। त्रिदेव रिटेल प्राइवेट लिमिटेड ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को पैसा वापस लौटा दिया है। दूसरी कंपनी एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी और इसके निदेशक मंडल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।" एसएचआर डिजिटल नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल में राजेश कुमार शर्मा के अलावा 22 अप्रैल 2022 से पवन कुमार गुप्ता और विनोद हैं। राजेश शर्मा वर्ष 2012 से डायरेक्टर है।
राजेश की पत्नी ने भी बैंक ट्रांजेक्शन किए
चिटहेरा भूमि घोटाले से जुड़े लेनदेन में केवल राजेश शर्मा ही नहीं उसकी बीवी भी शामिल रही है। ऐसे ट्रांजेक्शन गौतमबुद्ध नगर पुलिस की तफ्तीश में सामने आए थे, लेकिन ऐसे तथ्यों को मुकदमे की इन्वेस्टिगेशन में शामिल नहीं किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक राजेश शर्मा की दिल्ली और उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पकड़ है। उसने इस मामले में राजनीतिक रिश्तों का भरपूर इस्तेमाल किया है। यही वजह है कि पुलिस ने राजेश शर्मा से जुड़े तथ्यों को नजरअंदाज किया। जानकारी के मुताबिक, राजेश शर्मा अब यशपाल तोमर को कानूनी सुविधाएं मुहैया करवा रहा है।
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