पकड़े गए आरोपियों के पास से भारी मात्रा में अलग-अलग ब्रांड की मिलावटी शराब बरामद हुई है। ये लोग नकली शराब पर आबकारी विभाग का होलोग्राम लगाकर उसकी तस्करी करते थे...
नकली शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ : रामपुर से दारू मंगवाकर नोएडा में लगाते थे फर्जी हॉलमार्क, चार गिरफ्तार
Aug 19, 2024 20:35
Aug 19, 2024 20:35
कई सामान हुआ बारामद
पकड़े गए आरोपियों के पास से भारी मात्रा में अलग-अलग ब्रांड की मिलावटी शराब बरामद हुई है। ये लोग नकली शराब पर आबकारी विभाग का होलोग्राम लगाकर उसकी तस्करी करते थे। इनके पास से ट्विन टावर की 46 पेटी, 8पीएम के 2036 टेट्रा पैक, मोटा की 8 पेटी, 6930 होलोग्राम और कई अन्य सामान बरामद हुआ है।
अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राज कुमार मिश्रा ने बताया कि सूचना मिली कि तिलपता स्थित यूपीएसआईडीसी साइट की सी कॉलोनी में एक मकान में मिलावटी शराब बनाने की फैक्ट्री है। सूचना मिलते ही टीम ने छापेमारी की। यहां बड़े पैमाने पर मिलावटी शराब बनाई जा रही थी। एसटीएफ ने मौके से चार लोगों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान कमल, निखिल, अमित और गोविंद के रूप में हुई है। चारों कानपुर के रहने वाले हैं। ये लंबे समय से मिलावटी शराब बना रहे थे। पूछताछ में चारों ने बताया कि वे शराब बनाने के लिए रामपुर से 100 प्रतिशत अल्कोहल या स्प्रिट खरीदते थे। इस अल्कोहल में पानी, रंग और एसेंस मिलाकर इसे शराब जैसा बना देते थे।
नोएडा-एनसीआर की कई दुकानों पर करते थे सप्लाई
नशे की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए उनके पास एक मीटर था। जिससे वे सांद्रता की जांच करते थे। इस सांद्रता को कम या ज्यादा करके ये लोग देसी और अंग्रेजी शराब बनाते थे।
शराब बनने के बाद उसे टेट्रा पैक और बोतलों में भरकर कंपनी का रैपर लगा देते थे। जिससे शराब असली कंपनी की जैसी दिखती थी। इसके बाद आबकारी विभाग का होलोग्राम लगा देते थे। इसके बाद सेल्समैन से मिलीभगत कर यूपी की विभिन्न शराब दुकानों में सस्ते दामों पर मिलावटी शराब बेचते थे। इतना ही नहीं, कई शराब दुकानों में इसकी सप्लाई भी करते थे।
इन ब्रांड की बनाते थे मिलावटी शराब
ये चारों लोग मिलकर वेव डिस्टिलरी के ट्विन टावर, विंडीज, मोटा, मोटा ऑरेंज फ्लेवर ब्रांड और 8पीएम, ऑफिसर चॉइस आदि अंग्रेजी शराब बना रहे थे। एसटीएफ ने बताया कि इन लोगों ने यूएसआईडीसी के सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री किराए पर ली थी और वहां शराब बनाने का काम शुरू कर दिया था। लेकिन वहां जगह न होने के कारण ये लोग सूरजपुर में काम करने लगे।
Also Read
28 Dec 2024 04:20 PM
जिसके लिए नेडा विभाग द्वारा बेंडर्स चिन्हित कर दिए गए हैं इस योजना के अंतर्गत बैंक, नेडा व विद्युत विभाग के अधिकारियों की मुख्य भूमिका है। और पढ़ें