नोएडा-ग्रेटर नोएडा में लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर वसूली का खेल अभी भी चल रहा है। साइबर जालसाजों ने एक बुजुर्ग महिला डॉक्टर को क्लीनिक में डिजिटल अरेस्ट कर 45 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए...
नोएडा में महिला डॉक्टर को किया डिजिटल अरेस्ट : साइबर जालसाजों ने की 45 लाख रुपये की ठगी, पुलिस को नाइजीरियन गिरोह पर शक
![साइबर जालसाजों ने की 45 लाख रुपये की ठगी, पुलिस को नाइजीरियन गिरोह पर शक](https://image.uttarpradeshtimes.com/add-a-heading-11-48409.jpg)
May 11, 2024 14:45
May 11, 2024 14:45
क्या है पूरा मामला
नोएडा के सेक्टर-49 में स्थित हेल्थ क्लीनिक के संचालक डॉ. आरती चौधरी ने बताया कि उन्हें एक कॉल आया जिसमें कॉलर ने अपना नाम ईशान वर्मा बताया और बताया कि चिकित्सक की ओर से मुंबई से थाईलैंड भेजा गया पार्सल वापस आ गया है। पार्सल में जब जांच की गई तो ड्रग्स और फर्जी पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज पाए गए। फिर कॉलर ने कहा कि महिला के खिलाफ केस दर्ज होगा और उसे मुंबई आकर 90 दिनों की कस्टडी में रहना होगा। महिला डॉक्टर ने डर के कारण उन ठगों के आदेशों का पालन करते हुए 45 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
जालसाजों ने ऐसे करवाये 45 लाख रुपये ट्रांसफर
उसने महिला से ऐप डाउनलोड कराकर बयान लिए और आधार कार्ड देखा। जालसाज ने कहा कि जांच में महिला के अकाउंट के मनी लांड्रिंग से जुड़े होने की बात सामने आई है। इसलिए जांच आगे ट्रांसफर की जा रही है। इसके बाद कॉल पर आदित्य केशव नामक व्यक्ति ने कहा कि 24 घंटे के वीडियो सर्विलांस से मामले को निपटाया जा सकता है। ऐसा नहीं करने पर महिला डॉक्टर को मुंबई आना होगा। जहां उन्हें 90 दिनों की कस्टडी में रहना होगा। जेल जाने की बात सुनकर महिला डॉक्टर डर गईं और 24 घंटे में जांच निपटाने के लिए तैयार हो गई। इसके बाद वीडियो कॉल पर जालसाजों ने महिला से सेटलमेंट करने को कहा और धीरे-धीरे कर 45 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए।
नाइजीरियन गिरोह पर पुलिस का शक
महिला ने जब ट्रांसफर हुई रकम को वापस करने को कहा तो जालसाजों ने संपर्क तोड़ दिया। इसके बाद महिला ने साइबर हेल्पलाइन 1930 और साइबर क्राइम थाने में शिकायत की। थाना प्रभारी ने बताया कि जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है, उन खातों की जांच की जा रही है। इस प्रकार की ठगी मुख्यत: नाइजीरियन गिरोह की ओर से की जाती है। मामले में जालसाजों के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में दर्ज हुआ है। वहीं पीड़िता का कहना है कि ठगी में रकम उनकी कई वर्षों की मेहनत का परिणाम थी।
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