बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के शासनकाल में हुए 14 अरब रुपये के स्मारक घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह और रामबोध मौर्य को पूछताछ के लिए तलब किया है।
स्मारक घोटाले में ED की जांच तेज : मोहिंदर सिंह और कारोबारियों को नोटिस, मायावती के करीबियों पर कसेगा शिकंजा
Oct 09, 2024 13:46
Oct 09, 2024 13:46
- पूर्व IAS मोहिंदर सिंह की बढ़ी मुश्किलें
- 2007 के स्मारक घोटाले में ईडी की जांच तेज
स्मारक घोटाले की जांच में नया मोड़
स्मारकों के निर्माण के दौरान मोहिंदर सिंह आवास विभाग के प्रमुख सचिव थे और उनकी अध्यक्षता में पत्थरों के दाम तय करने के लिए एक समिति गठित की गई थी। इस समिति में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव रवींद्र सिंह, प्रमुख अभियंता त्रिभुवन राम और खनन विभाग के संयुक्त निदेशक सुहैल अहमद फारूकी भी शामिल थे। इस समिति ने पत्थरों की आपूर्ति से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जो परियोजना के लिए अत्यंत प्रभावशाली साबित हुए।
विजिलेंस ने आरोप पत्र किया दाखिल
रामबोध मौर्य मायावती सरकार में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक थे। उनके खिलाफ विजिलेंस ने स्मारक घोटाले में आरोप पत्र दाखिल किया है। ईडी अब इन सभी अधिकारियों से पूछताछ करके घोटाले के अन्य शामिल व्यक्तियों का पर्दाफाश करने की तैयारी कर रही है। मोहिंदर सिंह को 16 अक्टूबर, सीपी सिंह को 17 अक्टूबर और रामबोध मौर्य को 18 अक्तूबर को तलब किया गया है।
पूर्व मंत्रियों पर ईडी का शिकंजा
ईडी अब स्मारक घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रही है। इसके साथ ही, विजिलेंस ने मोहिंदर सिंह को अगले सप्ताह फिर से तलब करने का नोटिस भेजा है। इस मामले में ईडी द्वारा की जा रही कार्रवाई सफेदपोश घोटालों को बेनकाब करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
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