ग्रेटर नोएडा शहर के निवासियों के लिए बड़ी खबर है। अब आपके घर से कूड़ा उठाने के लिए 'पेड सर्विस' मिलेगी। मतलब, रोजाना आपके घर से कूड़ा लेकर जाने वाले कर्मचारियों को मासिक भुगतान करना पड़ेगा।
ग्रेटर नोएडा से जरूरी खबर : घरों से कचरा उठाने वालों को अब देना होगा शुल्क, जानें क्या है नई व्यवस्था
Jul 10, 2024 20:33
Jul 10, 2024 20:33
अगले महीने से एजेंसी घरों से लेगी शुल्क
ग्रेटर नोएडा में रोजाना सुबह सफाई कर्मचारी घर-घर जाते हैं। कूड़ा कलेक्शन करते हैं। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने एक कंपनी को यह जिम्मेदारी दे रखी है। पिछले कई वर्षों से यह व्यवस्था चल रही है। अभी तक प्राइवेट कंपनी को विकास प्राधिकरण भुगतान कर रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, अगले महीने से एजेंसी घरों से शुल्क लेगी। कूड़ा उठाने के लिए शुल्क का निर्धारण तीन साल पहले कर दिया गया था। घरों के आकार के आधार पर यह निर्धारण है। अगर किसी का घर 120 वर्गमीटर के भूखंड पर बना है तो उसे हर महीने 120 रुपये का भुगतान करना है। मतलब, एक रुपया प्रति वर्गमीटर की दर से यह शुल्क देना है।
प्रति माह 120 रुपये करना होगा भुगतान
ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आने वाला है। शहर प्रशासन ने घोषणा की है कि अब घरों से कचरा संग्रह के लिए निवासियों को शुल्क देना होगा। यह नई 'पेड सर्विस' व्यवस्था अगले महीने से लागू होने की संभावना है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने इस नई नीति के तहत घरों के आकार के आधार पर शुल्क निर्धारित किया है। उदाहरण के लिए, 120 वर्गमीटर के भूखंड पर बने घर को प्रति माह 120 रुपये का भुगतान करना होगा, जो कि एक रुपया प्रति वर्गमीटर की दर से है।
तीन साल पहले लिया गया था यह निर्णय
यह निर्णय वास्तव में तीन साल पहले लिया गया था, लेकिन अब इसे क्रियान्वित किया जा रहा है। पिछले दो दिनों से, संबंधित एजेंसी के कर्मचारी आवासीय क्षेत्रों में घर-घर जाकर निवासियों को इस नई व्यवस्था की जानकारी दे रहे हैं। वर्तमान में, ग्रेटर नोएडा में एक निजी कंपनी द्वारा कचरा संग्रह सेवा प्रदान की जा रही है, जिसे विकास प्राधिकरण द्वारा भुगतान किया जाता है। रोज सुबह, सफाई कर्मचारी घर-घर जाकर कचरा एकत्र करते हैं। अब, इस सेवा का वित्तीय बोझ निवासियों पर स्थानांतरित किया जा रहा है।
भुगतान करने में किसी को परेशानी होगी : ऋषिराज
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य शहर की स्वच्छता सेवाओं को और अधिक कुशल और टिकाऊ बनाना है। हालांकि, कुछ निवासियों ने इस अतिरिक्त खर्च पर चिंता व्यक्त की है। स्थानीय निवासी इस पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। सेक्टर बीटा टू के निवासी राजेश शर्मा ने कहा, "हम पहले से ही कई तरह के करों का भुगतान कर रहे हैं। अब यह अतिरिक्त शुल्क हमारे लिए बोझ हो सकता है।" सेक्टर गामा वन के निवासी ऋषिराज सिंह ने कहा, "यह अच्छी सुविधा है। इसके लिए निर्धारित किया गया शुल्क ऐसा नहीं है, जिसका भुगतान करने में किसी को परेशानी होगी।"
लोगों में कचरे के प्रति जागरूकता बढ़ेगी
दूसरी ओर, पर्यावरण कार्यकर्ता सुनीता राय ने इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "यह एक सकारात्मक कदम है। इससे लोगों में कचरे के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे कम कचरा उत्पन्न करने की कोशिश करेंगे।" विकास प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस नई व्यवस्था से प्राप्त राजस्व का उपयोग शहर की स्वच्छता सेवाओं को और बेहतर बनाने में किया जाएगा। निवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे इस नई व्यवस्था के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करें। प्राधिकरण जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगा, जहां लोग अपनी शंकाओं का समाधान कर सकेंगे।
यह नया कदम ग्रेटर नोएडा को एक स्वच्छ और हरित शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हालांकि, इसकी सफलता निवासियों के सहयोग और प्राधिकरण द्वारा इसके कुशल क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी।
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