यमुना प्राधिकरण में 3000 करोड़ का जमीन खरीद घोटाले का मामला सामने आया है। जांच के दौरान सामने आए तथ्यों ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है...
Greater Noida News : यमुना प्राधिकरण में अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला, आरोपियों के नाम आए सामने
![यमुना प्राधिकरण में अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला, आरोपियों के नाम आए सामने](https://image.uttarpradeshtimes.com/upt-2024-07-03t132854422-4105.jpg)
Jul 04, 2024 01:51
Jul 04, 2024 01:51
- यमुना प्राधिकरण में 3000 करोड़ का जमीनी घोटाला
- जांच में लग सकता है काफी समय
बड़े वित्तीय अपराधों में से एक
विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना प्राधिकरण के इतिहास में यह घोटाला सबसे बड़े वित्तीय अपराधों में से एक है। इस मामले की जटिलता को देखते हुए, जांच में काफी समय लग सकता है और इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। जांच के नतीजे न केवल प्राधिकरण बल्कि राज्य सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
इन लोगों की संलिप्तता
1. वित्त विभाग की संदिग्ध भूमिका : प्राधिकरण के वित्त एवं लेखा विभाग के अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर घोटालेबाजों को फायदा पहुंचाया।
2. आयकर बचाव का खेल : सहायक लेखाकार, वित्त प्रबंधक और महाप्रबंधक (वित्त) ने आरोपियों को आयकर से बचाने के लिए 30-30 लाख रुपये के चेक बनाए।
3. व्यापक नेटवर्क : घोटाले में दिल्ली, लखनऊ, बुलंदशहर, आगरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, नोएडा समेत कई शहरों के लोग शामिल हैं।
4. उच्च स्तरीय संलिप्तता : यमुना प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ पी.सी. गुप्ता के रिश्तेदारों के शामिल होने का आरोप।
5. संदिग्ध बैंकिंग लेनदेन : घोटालेबाजों ने मुआवजे के चेक सूरजपुर स्थित महामेधा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में जमा किए और फिर विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए।
मामले में आगे की कार्रवाई
जमीन खरीद घोटाले के मामले में अभी आगे और अधिक दस्तावेजों और बैंक रिकॉर्ड्स की जांच की जाएगी। साथ ही अधिकारियों और व्यक्तियों से पूछताछ की जाएगी और आरोपियों की संपत्तियों की जांच भी की जाएगी।
इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुए मामले
इस मामले में पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता, पूर्व एसीईओ सतीश कुमार, पूर्व विशेष कार्याधिकारी वीपी सिंह, पूर्व, प्रबंधक नियोजक बृजेश कुमार, पूर्व प्रबंधक परियोजना अतुल कुमार, पूर्व तहसीलदार अजीत परेश, राजेश शुक्ला, रणवीर सिंह, सुरेश चंद, पूर्व लेखपाल पंकज कुमार, पूर्व नायब तहसीलदार, चमन सिंह, मनोज कुमार, गौरव कुमार, अनिल कुमार, निर्दोष चौधरी,सतेंद्र, स्वदेश गुप्ता, एएनजी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंसलटेंट,विवेक कुमार जैन, नीरव तोमर,धीरेंद्र सिंह चौहान,अंजलि शर्मा, महामेधा अर्बन को-आपरेटिव बैंक नोएडा, नोएडा कमर्शियल बैंक लिमिटेड, पूर्व तत्कालीन वित्त विभाग के लेखाकार, सहायक लेखाकार, पूर्व वित्त प्रबंधक एवं महाप्रबंधक वित्त के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए।
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