नोएडा, ग्रेटर नोएडा और एनसीआर के यूपी में आने वाले शहरों में हजारों गगनचुंबी इमारतों में रहने वाले लोगों के लिए शनिवार का दिन बेहद खास है। गौतमबुद्ध नगर में लिफ्ट हादसे में 10 लोगों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार (10 फरवरी) को लिफ्ट एंड एस्केलेटर विधेयक-2024 भारी मत से पारित कर दिया गया।
अच्छी खबर : नोएडा और ग्रेनाे में लिफ्ट हादसों पर तय होगी जिम्मेदारी, सरकार ने बनाया कानून, पढ़िये क्या है नियम
Feb 10, 2024 13:48
Feb 10, 2024 13:48
स्वचालित बचाव युक्ति की स्थापना अनिवार्य
लिफ्ट और एस्केलेटर स्थापित करने वाले स्वामी को दिन-प्रतिदिन के संचालन के दौरान आने वाली किसी भी तकनीकी खराबी को तुरंत दूर करने का भी कानून में उल्लेख किया गया है। साथ ही आपातकालीन स्थिति में लिफ्ट के भीतर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए स्वामी को वर्ष में कम से कम दो बार मॉक ड्रिल अभ्यास करना होगा। इस अधिनियम में स्वामी को बिजली आपूर्ति में किसी भी खराबी की स्थिति में अंदर फंसे यात्रियों को बचाने के लिए लिफ्ट या एस्केलेटर में एक स्वचालित बचाव युक्ति की स्थापना करना अनिवार्य बनाया गया है।
मील का पत्थर साबित होगा कानून
जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा, "योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार जनता के हकों के लिए दृढ़ संकल्पित है।" धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ-साथ एनसीआर में शहरीकरण का दौर बढ़ने से लिफ्ट और एस्केलेटर कानून प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने इस कदम के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का आभार जताया है।
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