नोएडा अथॉरिटी ने न्यू नोएडा में अवैध निर्माण को रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है और सैटेलाइट सर्वे शुरू किया गया है। 18 अक्टूबर 2023 के बाद से किए गए सभी निर्माण अवैध माने जाएंगे।
न्यू नोएडा में अवैध निर्माण पर रोक : सैटेलाइट सर्वे शुरू, चार चरणों में होगा शहर का विकास
Nov 05, 2024 16:03
Nov 05, 2024 16:03
- 18 अक्टूबर 2023 के बाद से किए गए सभी निर्माण अवैध माने जाएंगे
- न्यू नोएडा का मास्टरप्लान 2041 पास
- पहले चरण को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य
मास्टरप्लान 2041 हो चुका है पास
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम ने सोमवार को अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें न्यू नोएडा में अवैध निर्माण पर रोक लगाने का फैसला लिया गया। 18 अक्टूबर 2023 के बाद से किए गए या होने वाले सभी निर्माण अवैध माने जाएंगे। सीईओ ने बताया कि न्यू नोएडा का पहला फेज तीन साल में विकसित करने का टारगेट रखा गया है और इसके लिए शासन से अतिरिक्त स्टाफ की मांग की जाएगी। इसी दिन इस क्षेत्र का मास्टरप्लान 2041 भी पास किया गया है।
अवैध निर्माण करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
सीईओ ने इस बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश अथॉरिटी अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्माण करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिनमें अवैध निर्माणों को तोड़ने की योजना भी शामिल है। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि न्यू नोएडा क्षेत्र की 18 अक्टूबर की सैटेलाइट फोटो खरीदी जा चुकी है और एरियल फोटो लेने का काम भी शुरू हो गया है। इससे यह पता चलेगा कि 18 अक्टूबर तक इस क्षेत्र में कितना निर्माण हुआ था। भविष्य में जो भी नए निर्माण होंगे, उन्हें सैटेलाइट इमेज से ट्रैक किया जाएगा और जमीन खरीदने के दौरान 18 अक्टूबर 2024 की सैटेलाइट इमेज से तुलना की जाएगी। अगर बाद में निर्माण हुआ है तो उसे अवैध करार दिया जाएगा और उसे अधिग्रहण से मुक्त नहीं किया जाएगा। साथ ही निर्माण का खर्च भी नहीं दिया जाएगा।
दादरी एरिया में बनेगा अस्थायी दफ्तर
सीईओ लोकेश एम ने नए शहर के निर्माण को तेज करने के लिए दादरी क्षेत्र में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के किनारे अस्थायी दफ्तर बनाने का निर्देश दिया। इसमें लैंड और सिविल डिपार्टमेंट के अधिकारी काम करेंगे और काम की गति बढ़ाने के लिए शासन से अतिरिक्त स्टाफ की मांग की जाएगी। उन्होंने बताया कि नए शहर के लिए अधिसूचित एरिया में गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 गांवों को शामिल किया गया है, और इसका मास्टरप्लान 18 अक्टूबर को कैबिनेट से पास हो चुका है। क्षेत्र का विकास चार चरणों में किया जाएगा। अंतिम फेज साल 2041 तक पूरा होगा। पहले चरण में 3165 हेक्टेयर जमीन पर शहर बसेगा। यह काम 2027 तक पूरा हो जाएगा।
न्यू नोएडा में बसेगी 6 लाख की आबादी
न्यू नोएडा को अब दादरी नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR) नाम दिया गया है, जो 209.11 वर्ग किलोमीटर (20,911.29 हेक्टेयर) में विकसित होगा और यहां छह लाख लोग रह सकेंगे। इसमें 40% जमीन इंडस्ट्री के लिए, 13% आवासीय क्षेत्र के लिए और 18% ग्रीन और रिक्रिएशनल एरिया के लिए रिजर्व की जाएगी। इस क्षेत्र में गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों की जमीन शामिल है। यहां स्कूल, अस्पताल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मेट्रो, साइकल ट्रैक और गंगाजल जैसी सुविधाएं होंगी। DNGIR वेस्ट यूपी का प्रमुख विकास क्षेत्र बनकर उभरेगा, जहां 8420.92 हेक्टेयर में इंडस्ट्री बसाई जाएगी।
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