नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तैयारियों में एक अहम पड़ाव पार हो गया है। इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) और प्रिसीजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर (पीएपीआई) का सफल कैलिब्रेशन 10 से 14 अक्टूबर के बीच किया गया।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : अप्रैल तक शुरू होंगी कमर्शियल उड़ानें, कैलिब्रेशन सफल, अब रनवे टेस्टिंग की तैयारी
Oct 15, 2024 23:09
Oct 15, 2024 23:09
- उड़ान भरने की तैयारियां अब अंतिम चरण में
- ILS और PAPI का सफल कैलिब्रेशन
- आर्थिक विकास की बढ़ेंगी संभावनाएं
एयरपोर्ट प्रबंधन ने वीडियो साझा कर दी जानकारी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तैयारियों में एक अहम पड़ाव 10 से 14 अक्टूबर के बीच पार हो गया, जब इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) और प्रिसीजन अप्रोच पाथ इंडिकेटर (PAPI) का सफलतापूर्वक कैलिब्रेशन किया गया। एयरपोर्ट प्रबंधन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर इस उपलब्धि का जश्न मनाया। अब अगला अहम चरण 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है, जिसमें रनवे की विस्तृत जांच शुरू होगी। इस जांच में कमर्शियल उड़ानों के लिए जरूरी मानकों की पुष्टि की जाएगी और जांच की पूरी रिपोर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को सौंपी जाएगी।
एयरपोर्ट में इंटेलिजेंट लाइटिंग तकनीक का उपयोग
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करते हुए, कैट-1 और कैट-3 जैसे उन्नत उपकरण पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। ये उपकरण खराब मौसम और सर्दियों के दौरान कोहरे में भी विमानों को सुरक्षित उतरने में सहायक होंगे। इसके अतिरिक्त, एयरपोर्ट में इंटेलिजेंट लाइटिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जो पायलटों के लिए ग्राउंड टैक्सी प्रक्रिया को सुगम बनाएगी। यह तकनीक एयरपोर्ट की कार्यक्षमता और सुरक्षा मानकों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
आर्थिक विकास की बढ़ेंगी संभावनाएं
यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश के विकास को गति देगी, बल्कि इसमें पूरे उत्तर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र बनने की क्षमता है। स्थानीय निवासी और व्यवसायी इस परियोजना को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि इससे रोजगार के नए अवसर और आर्थिक विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। जैसे-जैसे अप्रैल का महीना करीब आ रहा है, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट अपनी पहली उड़ान के लिए तैयार हो रहा है।
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