पहले रनवे का आंतरिक घर्षण परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस परीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि रनवे की सतह सभी मौसमी परिस्थितियों में विमानों के उड़ान भरने और उतरने के लिए...
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट : पहले रनवे का घर्षण परीक्षण सफल, दिसंबर तक वाणिज्यिक उड़ानें शुरू करने का लक्ष्य
Jul 12, 2024 16:48
Jul 12, 2024 16:48
- एयरपोर्ट के पहले रनवे का आंतरिक घर्षण परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया
- विकास टीम ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की
- परीक्षण अक्टूबर या नवंबर में शुरू होने की संभावना है
अगले चरण में वास्तविक विमानों का परीक्षण होगा
अब जबकि यह महत्वपूर्ण चरण पूरा हो गया है, अगला कदम रनवे पर वास्तविक विमानों का परीक्षण करना होगा। सूत्रों के अनुसार, इस प्रकार के परीक्षण अक्टूबर या नवंबर में शुरू होने की संभावना है। विकासकर्ता कंपनी ने 15 जुलाई तक एक विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें दिसंबर तक वाणिज्यिक उड़ानें शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, क्योंकि पहले उड़ानें 29 सितंबर 2024 से शुरू होने का प्रस्ताव था।
पूर्व मुख्य सचिव ने किया था निरीक्षण
परियोजना की प्रगति पर नजर रखने के लिए, पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने 28 जून को निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद से, रनवे परीक्षण प्रक्रिया में तेजी आई है। एयरपोर्ट के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर घर्षण परीक्षण का एक वीडियो भी साझा किया गया, जिसमें एक वाहन को रनवे पर चलते हुए देखा जा सकता है। विकासकर्ता टीम ने इस उपलब्धि को "रोमांचक समाचार" के रूप में बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि घर्षण परीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रनवे की ऊपरी सतह सभी मौसमी परिस्थितियों में विमानों के सुरक्षित उतरने और उड़ान भरने के लिए उपयुक्त है।
एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जेवर एयरपोर्ट में काम पूरा करने की नई समय सीमा निर्धारित की गई है। अब अप्रैल 2025 में जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से वाणिज्यिक उड़ान शुरू होगी। जेवर एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा और इसे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की उम्मीद है। जेवर एयरपोर्ट का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पहले चरण में, इसमें दो रनवे होंगे जो प्रति वर्ष लगभग 12 मिलियन यात्रियों को संभाल सकेंगे। पूरी तरह से विकसित होने पर, यह एयरपोर्ट पांच रनवे के साथ प्रति वर्ष लगभग 70 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता रखेगा।
लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित होगा
इस परियोजना का उद्देश्य न केवल यात्री यातायात को सुविधाजनक बनाना है, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देना है। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और यह उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का भी ध्यान रखा जा रहा है। इसे एक "नेट जीरो कार्बन एमिशन" एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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