नोएडा में ईडी ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। आम्रपाली, सुपरटेक, यूनिटेक के बाद अब ED ने नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) से एटीएस ग्रुप (ATS Group) या उससे जुड़े 63 प्रोजेक्ट...
नोएडा में ईडी का बड़ा एक्शन : एटीएस ग्रुप के 63 प्रोजेक्ट्स की जांच शुरू, मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका
Jun 23, 2024 14:02
Jun 23, 2024 14:02
ED को मिली लेनदेन में गड़बड़ी
जानकारी के मुताबिक, ईडी ने प्राधिकरण को एक पत्र भेजा है। जिसमें 28 जून तक जानकारी देने के लिए कहा है। आशंका है कि ED को एटीएस ग्रुप और अन्य कंपनियों के बीच लेनदेन में गड़बड़ी को लेकर शिकायत मिली है। इसके बाद जानकारी मांगी गई है। ED के लखनऊ स्थित जोनल मुख्यालय के उपनिदेशक ज्वलिन तेजपाल की ओर से नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को परियोजनाओं से संबंधित जानकारी के लिए पत्र भेजा गया है। पत्र में 63 प्रोजेक्ट के नाम हैं, सूचना मांगने का आधार मनी लॉन्ड्रिंग बताया गया है।
ईडी बिल्डर परियोजनाओं की जांच कर रही है
ईडी के इस पत्र के बारे में नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि अभी यह पत्र सामने नहीं आया है। हो सकता है कि ऑफिस में डाक के जरिये आया हो। पत्र में, जो जानकारी मांगी गई है, उसको तय समय में उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस बारे में एटीएस के निदेशक गीतांबर आनंद के मोबाइल पर कॉल और मैसेज कर जानकारी मांगी गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। ईडी नोएडा से जुड़े अन्य बिल्डरों की परियोजनाओं को लेकर भी जांच कर रहा है। आम्रपाली, सुपरटेक, यूनिटेक के अलावा थ्रीसी बिल्डर की परियोजनाएं जांच के दायरे में हैं। पिछले महीने ही ईडी ने थ्रीसी की लोटस 300 और लोटस बुलेवर्ड को लेकर जानकारी मांगी थी।
बिल्डर पर खरीददारों ने लगाया आरोप
शहर में करीब 70-80 हजार खरीदार ऐसे हैं जो फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं और 30 हजार से ज्यादा खरीदार रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं। खरीदार हर दिन प्रोजेक्ट समय पर पूरा न होने और रजिस्ट्री रोके जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। खरीदार लगातार आरोप लगा रहे हैं कि बिल्डर ने उनसे लिए गए पैसे को दूसरे प्रोजेक्ट या दूसरे कारोबार में लगा दिया है। बिल्डर ने पैसे की हेराफेरी कर उनके साथ धोखाधड़ी की है।
इन बिंदुओं पर जानकारी मांगी
1. समूह की किसी भी कंपनी को जमीन आवंटन का ब्योरा। यह आवंटन बोलीदाता के रूप में एकमात्र क्षमता से हुआ या कंसोर्टियम के हिस्से के रूप में
2. समूह कंपनी द्वारा किए गए भुगतान, बकाया और उसमें देरी का विवरण
3. आवंटन की शर्तों के तहत परियोजना के काम में यदि कोई लापरवाही पाई गई हो तो उसकी जानकारी
4. यदि कोई एफआईआर पंजीकृत हुई है तो उसकी पूरी रिपोर्ट
5. क्या कंपनी का आवंटन रद्द किया गया है
6. यदि कंपनी के खिलाफ कोई और एक्शन लिया गया हैतो उसकी जानकारी
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