Noida News : एनसीईआरटी में हड़प्पा की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता पढ़ेंगे छठी कक्षा के छात्र

एनसीईआरटी में हड़प्पा की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता पढ़ेंगे छठी कक्षा के छात्र
UPT | NCERT

Jul 23, 2024 02:20

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने छठी कक्षा के लिए सामाजिक विज्ञान की किताब को कुछ बदलावों के साथ तैयार किया है। अब विद्यालयों में 6वींं कक्षा के छात्र हड़प्पा सभ्यता की जगह...

Jul 23, 2024 02:20

Short Highlights
  • NCERT ने छठी कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में किए बदलाव
  • नई किताब में जाति आधारित भेदभाव और असमानता का नहीं किया गया जिक्र
  • आंबेडकर से जुड़े भाग को भी हटाया गया, मौजूदा सत्र से लागू होगा बदलाव
Noida News/ New Delhi : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने छठी कक्षा के लिए सामाजिक विज्ञान की किताब को कुछ बदलावों के साथ तैयार किया है। अब विद्यालयों में 6वींं कक्षा के छात्र हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता को पढ़ेंगे। इसमें हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु सरस्वती सभ्यता शब्द का जिक्र किया गया है। जानकारी के मुताबिक नई किताब में जाति शब्द का जिक्र सिर्फ एक बार किया गया है। जाति आधारित भेदभाव और असमानता का भी जिक्र नहीं है। इसके अलावा बीआर आंबेडकर (BR Ambedkar) से जुड़े जाति आधारित भेदभाव के सेक्शन को भी हटा दिया गया है।

2023 के तहत तैयार की गई पहली सामाजिक विज्ञान की पुस्तक
NCERT की 6वीं कक्षा की इस पुस्तक में कालिदास की रचना कुमारसंभव का जिक्र किया गया है। भूगोल वाले हिस्से से हिमालय के संदर्भ में अब कालिदास की रचना पढ़ने को मिलेगा। बच्चों को यह भी किताब में पढऩे को मिलेगा कि भारत की अपनी एक प्रधान मध्याह् रेखा थी, जिसे उज्जैनी प्रधान मध्याह् रेखा कहा जाता था। यह पुस्तक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 के तहत तैयार की गई पहली सामाजिक विज्ञान की पुस्तक है, जिसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र से विद्यालयों में पढ़ाया जाएगा। 

सरस्वती नदी का कई बार जि़क्र
पहले सामाजिक विज्ञान के लिए इतिहास, राजनीति विज्ञान और भूगोल के लिए अलग-अलग किताबें थी। लेकिन अब सामाजिक विज्ञान की सिर्फ एक किताब है, जिसे पांच खंडों में बांटा गया है। पुरानी इतिहास की किताब में सरस्वती नदी का जि़क्र सिर्फ एक बार ऋग्गवेद के एक खंड में किया गया था। लेकिन अब नई पुस्तक में भारतीय सभ्यता की उत्पत्ति से जुड़े अध्याय में सरस्वती नदी का जि़क्र कई बार किया गया है। अब नए अध्याय में हड़प्पा सभ्यता की जगह सिंधु-सरस्वती सभ्यता शब्द का प्रयोग किया गया है। सरस्वती बेसिन के राखीगढ़ी और गंवरीवाला जैसे बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों और गांवों का उल्लेख भी किया गया है। नई किताब में यह भी जिक्र किया गया है कि सरस्वती नदी वर्तमान में भारत में घग्गर और पाकिस्तान में हकरा के नाम से जानी जाती है। यह मौसमी नदी है।

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