ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को नोटिस जारी किया गया है। यह मामला एक व्यक्ति से संबंधित है, जिसने 26 साल पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में 2500 वर्ग मीटर का औद्योगिक भूखंड लिया था...
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ को नोटिस : 26 साल पुराने भूखंड विवाद में कार्रवाई, जानें दोबारा क्यों उठा मामला
Sep 22, 2024 15:03
Sep 22, 2024 15:03
1000 वर्ग मीटर भूखंड आवंटन पर उपभोक्ता नाराज
शिकायतकर्ता महेश मित्रा ने बताया कि वर्ष 2000 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रगति मैदान में 'पहले आओ पहले पाओ' के सिद्धांत पर भूखंड योजना शुरू की थी। उन्होंने 500 से 1000 वर्ग मीटर के लिए आवेदन किया। जब आवंटन नहीं हुआ, तो महेश ने वर्ष 2005 में जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई। वर्ष 2006 में, जिला फोरम ने प्राधिकरण को आवंटी की जरूरत के अनुसार 1000 से 2500 वर्ग मीटर का भूखंड आवंटित करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ प्राधिकरण ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की। उपभोक्ता आयोग ने प्राधिकरण को 750 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से 2500 वर्ग मीटर का औद्योगिक भूखंड देने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके लिए महेश ने 20 हजार रुपये जमा किए, लेकिन पैसे का भुगतान करने के बाद भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कब्जा नहीं दिया।
आदेश से संतुष्ट न होने पर अपील की दायर
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और उपभोक्ता महेश मित्रा के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए 21 जून को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 1000 वर्ग मीटर का भूखंड आवंटित करने के आदेश दिए थे। इस आदेश से संतुष्ट न होने पर उपभोक्ता ने लखनऊ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपील दायर कर नियमानुसार 1000 वर्ग मीटर के स्थान पर 2500 वर्ग मीटर का भूखंड उपलब्ध कराने की मांग की।
अब 24 दिसंबर को होगी सुनवाई
मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य आयोग ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को नोटिस जारी कर 15 नवंबर तक मामले से संबंधित जवाब दाखिल करने और 24 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में उपस्थित होने को कहा है। आयोग ने चेतावनी दी है कि सुनवाई में कोई उपस्थित नहीं हुआ तो एकतरफा फैसला सुनाया जाएगा।
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