अंशिका वर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नोएडा के एक प्रतिष्ठित स्कूल से पूरी की और उसके बाद गलगोटिया कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। हालांकि, उनके जीवन का लक्ष्य इंजीनियरिंग नहीं बल्कि सिविल सेवा था।
प्रयागराज में जन्म, नोएडा से पढ़ाई : बिना कोचिंग पास की यूपीएससी, दिलचस्प है इंजीनियर से आईपीएस बनने वाली अंशिका वर्मा की कहानी
Aug 28, 2024 15:53
Aug 28, 2024 15:53
- सेल्फ स्टडी से हासिल किया मुकाम
- युवाओं के लिए मिसाल बनी अंशिका
- गोरखपुर में ACP हैं अंशिका
सेल्फ स्टडी से हासिल किया मुकाम
अंशिका वर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नोएडा के एक प्रतिष्ठित स्कूल से पूरी की और उसके बाद गलगोटिया कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। हालांकि, उनके जीवन का लक्ष्य इंजीनियरिंग नहीं बल्कि सिविल सेवा था। ग्रेजुएशन के तुरंत बाद, अंशिका ने 2019 में प्रयागराज में UPSC की तैयारी शुरू की। इस कठिन परीक्षा की तैयारी में उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली और पूरी तरह से सेल्फ-स्टडी पर भरोसा किया। अंशिका की कठिन मेहनत और समर्पण ने उन्हें 2020 में UPSC CSE परीक्षा में 136वीं अखिल भारतीय रैंक प्राप्त करने में सक्षम बनाया, जो उनके आत्म-विश्वास और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
गोरखपुर में ACP हैं अंशिका
IPS अंशिका वर्मा का पेशेवर सफर भी प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 2021 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर की IPS अधिकारी के रूप में सेवा शुरू की और वर्तमान में गोरखपुर में सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) के पद पर कार्यरत हैं। उनके तेज-तर्रार फैसले और अपराधियों पर शिकंजा कसने की क्षमता ने उन्हें क्षेत्र में एक प्रमुख पहचान दिलाई है। अंशिका अपने पेशेवर दायित्वों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं, जहां वह अपने अनुभव और प्रेरणादायक विचार साझा करती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 2.57 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।
युवाओं के लिए मिसाल बनी अंशिका
अंशिका वर्मा का आईपीएस बनने का सफर कई कठिनाइयों और संघर्षों से भरा था। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने अपनी आत्म-समर्पण की भावना और लगातार मेहनत को प्राथमिकता दी। बिना कोचिंग के UPSC परीक्षा पास करने के उनके अनुभव ने यह साबित कर दिया कि सही मार्गदर्शन और लगातार प्रयास से किसी भी कठिन परीक्षा को पार किया जा सकता है। अंशिका की यह सफलता यह भी दर्शाती है कि आत्म-समर्पण और कठिन परिश्रम से बड़े लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी युवा कैंडिडेट के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि कठिनाइयों और संसाधनों की कमी के बावजूद, सही मानसिकता और कड़ी मेहनत से सफलता प्राप्त की जा सकती है।
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