स्मारक घोटाले में जांच का सामना कर रहे पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह एक बार फिर विजिलेंस के समक्ष पेश होने से बच गए हैं। उन्होंने अपनी खराब तबीयत का हवाला देते हुए...
यूपी स्मारक घोटाला की जांच अटकी : पूर्व IAS मोहिंदर सिंह फिर गायब, अरबों रुपये का स्कैम का कैसे होगा खुलासा!
Dec 17, 2024 11:20
Dec 17, 2024 11:20
तय समय से 5 दिन पहले पहुंचे मोहिंदर सिंह
मोहिंदर सिंह के इस रवैये के चलते स्मारक घोटाले की जांच एक बार फिर चर्चा में आ गई है। विजिलेंस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मोहिंदर सिंह ने कुछ दिन पहले ही खुद संपर्क कर 16 दिसंबर को बयान दर्ज कराने की बात कही थी, लेकिन निर्धारित तारीख से 5 दिन पहले वह अचानक विजिलेंस मुख्यालय पहुंच गए और आधा-अधूरा बयान दर्ज कराकर चले गए।
ईडी की जांच भी अधूरी, विजिलेंस के सख्त तेवर
स्मारक घोटाले के मामले में विजिलेंस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इसका संज्ञान लिया था। ईडी ने मोहिंदर सिंह को कई बार नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि, उस दौरान भी वह सवालों के संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे थे। विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि मोहिंदर सिंह की ओर से लगातार टालमटोल किए जाने के चलते विभाग अब कड़े कदम उठाने के मूड में है। अधिकारियों का मानना है कि अगर उन्होंने बयान दर्ज कराने में और देरी की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
मोहिंदर सिंह से पूछताछ जरूरी
गौरतलब है कि स्मारक घोटाला यूपी में कई बड़े अधिकारियों और नेताओं की संलिप्तता वाला मामला है। इसमें सरकारी कोष के दुरुपयोग और अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। मोहिंदर सिंह इस मामले में प्रमुख आरोपी हैं और जांच एजेंसियां उनसे कई अहम सवालों के जवाब चाहती हैं।
बड़े घोटाले का मामला
स्मारक घोटाले के तहत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए स्मारकों और पार्कों में वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप हैं। इन परियोजनाओं के निर्माण में बड़े पैमाने पर सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताई गई है। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि मोहिंदर सिंह के बयान से घोटाले के कई और पहलुओं का खुलासा हो सकता है।
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