यमुना प्राधिकरण : 16 साल बाद फिर शुरू होगी 21000 प्लॉट की स्कीम, जेवर टोल प्लाजा पर ट्रॉमा सेंटर को भी मिलेगी गति

16 साल बाद फिर शुरू होगी 21000 प्लॉट की स्कीम, जेवर टोल प्लाजा पर ट्रॉमा सेंटर को भी मिलेगी गति
UPT | सांकेतिक फोटो।

Nov 27, 2024 19:03

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, 16 वर्षों से लंबित 21,000 प्लॉट योजना पुनः शुरू होगी। सेक्टर-18 और 20 में यह योजना अब पूरी होगी, और सेक्टर-22 और 24 में औद्योगिक व आईटी परियोजनाएं भी फिर से शुरू होंगी।

Nov 27, 2024 19:03

Greater Noida News : सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ने यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) के विकास कार्यों के लिए नए अवसर खोले हैं। इस फैसले ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित विवादों को खत्म कर दिया और राज्य सरकार के प्रावधानों को सही ठहराया। इस फैसले के बाद अब यमुना प्राधिकरण को कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिनमें 21,000 प्लॉट स्कीम, 60 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण और जेवर टोल प्लाजा के पास ट्रॉमा सेंटर के निर्माण जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।



16 साल बाद 21000 प्लॉट स्कीम को मिलेगी रफ्तार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, 16 वर्षों से लंबित 21,000 प्लॉट योजना को अब पुनः शुरू किया जाएगा। यमुना प्राधिकरण ने बताया कि वर्ष 2009 में शुरू की गई यह योजना, जो सेक्टर-18 और 20 में थी, अब पूरी तरह से क्रियान्वित होगी। इन प्लॉट्स को उन खरीदारों को आवंटित किया जाएगा, जिन्होंने पहले ही इसके लिए आवेदन किया था। इसके अलावा, सेक्टर-22 और 24 में औद्योगिक परियोजनाएं और आईटी क्षेत्र की गतिविधियां भी दोबारा शुरू होंगी। सेक्टर 22C में रुके हुए निर्माण कार्य भी अब पूरे होंगे, जिससे इन क्षेत्रों में व्यवसायिक और आवासीय गतिविधियां तेज़ी से बढ़ सकेंगी।

60 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण और किसानों को राहत
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद एक और महत्वपूर्ण परियोजना को गति मिलेगी, वह है यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे 38 किलोमीटर लंबी और 60 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण। यह सड़क क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन और कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगी। इसके अतिरिक्त, जेवर टोल प्लाजा के पास ट्रॉमा सेंटर के निर्माण की प्रक्रिया भी जल्द ही तेज़ हो जाएगी। यह ट्रॉमा सेंटर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के उद्देश्य से स्थापित किया जा रहा है, जो क्षेत्र में आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस भूमि अधिग्रहण से किसानों को 64.7 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता साबित होगा। यह मुआवजा किसानों के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा और उनके पुनर्वास के प्रयासों को भी समर्थन देगा।

यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना का समग्र विकास
सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण को वैध ठहराते हुए यह भी कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्देश्य एकीकृत और सुनियोजित विकास है। यह परियोजना न केवल यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर भी आर्थिक प्रगति में मदद करेगी। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह की परियोजनाएं राज्य की विकास योजनाओं का अहम हिस्सा हैं और इसके जरिए न केवल बुनियादी ढांचे को बेहतर किया जाएगा, बल्कि समग्र विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

उत्तर प्रदेश का औद्योगिक और आवासीय विकास
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय उत्तर प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यमुना प्राधिकरण द्वारा की जा रही योजनाओं से राज्य के औद्योगिक और आवासीय विकास को नई दिशा मिलेगी। यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास की परियोजनाओं से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। यह परियोजनाएं उत्तर प्रदेश को निवेश के लिहाज से और भी आकर्षक बनाएंगी, जिससे राज्य में विकास की नई लहर चलेगी।

क्षेत्रीय विकास को गति प्रदान होगी 
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय यमुना प्राधिकरण की विकास योजनाओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हुआ है। इसके जरिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को फिर से शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है, जो न केवल क्षेत्रीय विकास को गति प्रदान करेंगी, बल्कि किसानों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगी। इस फैसले से यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं का सुधार और औद्योगिक एवं आवासीय विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। 

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