यमुना विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने नए ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब बिल्डर-बायर समझौतों को तब तक मान्य नहीं माना जाएगा, जब तक कि स्टांप ड्यूटी का भुगतान नहीं किया गया हो। यह फैसला YEIDA की हालिया बोर्ड बैठक में लिया गया है।
YEIDA का बड़ा फैसला : नोएडा के बायर्स को मिलेगा लाभ, अब फ्लैट बुक कराते समय ही देना पड़ेगा स्टांप शुल्क
Sep 30, 2024 15:44
Sep 30, 2024 15:44
- संपत्ति की लागत का 10 प्रतिशत स्टांप शुल्क करना होगा जमा
- मनमानी और विवादों से बचाने के उद्देश्य से लिया गया निर्णय
- सब रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा होगा स्टांप शुल्क
सब रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा होगा स्टांप शुल्क
नई प्रक्रिया के तहत, नोएडा में खरीदारों को फ्लैट बुकिंग के समय संपत्ति की लागत का 10 प्रतिशत स्टांप शुल्क सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा करना होगा। इससे पहले, उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP-Rera) के नियमों के अनुसार, खरीदारों के लिए फ्लैट पंजीकरण और स्टांप शुल्क का वैध प्रमाण होना अनिवार्य था। यमुना अथॉरिटी द्वारा लिया गया यह निर्णय मुख्य रूप से घर खरीदारों को बिल्डरों द्वारा की जाने वाली मनमानी और विवादों से बचाने के उद्देश्य से किया गया है। इस प्रक्रिया के माध्यम से खरीदारों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता मिलेगी।
बिल्डर-बायर समझौता कानूनी रूप से मजबूत
यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि नए नियम के तहत, खरीदारों को फ्लैट बुकिंग के समय स्टांप शुल्क अदा करना होगा। यह नियम यह सुनिश्चित करेगा कि बिल्डर-बायर समझौता कानूनी रूप से मजबूत हो, जिससे भविष्य में खरीदारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। हालांकि, इस प्रक्रिया से खरीदारों का शुरुआती निवेश थोड़ा बढ़ जाएगा, लेकिन यह उनके हितों की रक्षा करेगा। इसके जरिए खरीदारों को बिल्डरों द्वारा किए जाने वाले मनमाने बदलावों से भी बचाया जाएगा, जिससे उन्हें एक सुरक्षित और पारदर्शी खरीदारी अनुभव मिलेगा।
सरकार को राजस्व का नहीं होगा नुकसान
इस नियम का उद्देश्य बायर्स के हितों की रक्षा करने के साथ ही सरकार को मिलने वाले राजस्व को भी बनाए रखना है। कई बार बिना रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के प्रॉपर्टी कई खरीदारों को बेच दी जाती थीं, जिससे लंबे समय तक कानूनी विवाद चलते हैं। अथॉरिटी के इस निर्णय से इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगेगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस महीने की शुरुआत में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण को यह निर्देश दिया था कि सभी प्रॉपर्टी एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड कराया जाए, जिससे अनरजिस्टर्ड एग्रीमेंट से सरकार को होने वाले राजस्व के नुकसान से बचाया जा सके।
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