यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब से, सामाजिक कार्यों में संलग्न संगठनों को नीलामी प्रक्रिया के बजाय साक्षात्कार के माध्यम से भूमि आवंटित की जाएगी।
YEIDA ने भूमि आवंटन प्रक्रिया में किया बड़ा बदलाव : सामाजिक संगठनों को मिलेगा फायदा, जानिए कैसे
Sep 26, 2024 19:32
Sep 26, 2024 19:32
- नीलामी प्रक्रिया के बजाय साक्षात्कार के माध्यम से भूमि आवंटन
- सामाजिक संगठनों को आवश्यक संसाधन प्राप्त करने में सहायता
- सामाजिक संगठनों की भागीदारी शहर के विकास में महत्वपूर्ण
नीलामी प्रक्रिया की जगह साक्षात्कार आधारित भूमि आवंटन
डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि पहले संस्थागत श्रेणी के भूखंडों को नीलामी के जरिए आवंटित किया जाता था, लेकिन कई सामाजिक संगठनों ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। उनका तर्क था कि सामाजिक संगठनों के पास व्यावसायिक गतिविधियों के माध्यम से धन अर्जित करने की क्षमता नहीं होती, जिससे बोली लगाकर भूमि प्राप्त करना उनके लिए कठिन हो जाता था। इन आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए, YEIDA ने भूमि आवंटन नीति में बदलाव का निर्णय लिया और अब साक्षात्कार के माध्यम से भूमि आवंटित की जाएगी।
सामाजिक संगठनों के सहयोग को बढ़ावा
डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि किसी शहर के समग्र विकास के लिए सामाजिक संगठनों का सहयोग अनिवार्य है। ऐसे में, इन संगठनों के लिए भूमि प्राप्त करना आसान और किफायती होना चाहिए। इस समस्या के समाधान के लिए, शासन से मंजूरी प्राप्त कर नीलामी के बजाय साक्षात्कार के माध्यम से भूमि आवंटित करने का प्रस्ताव YEIDA के बोर्ड के सामने रखा गया, जिसे स्वीकृति दे दी गई है। इस बदलाव से सामाजिक संगठनों को आवश्यक संसाधन प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को मिलेगा लाभ
नई व्यवस्था के तहत, अब यमुना सिटी में सिविल सोसायटी, ग़ैर-सरकारी संगठन (NGO), धार्मिक और सामाजिक संस्थानों को साक्षात्कार के आधार पर भूखंडों का आवंटन किया जाएगा। यह प्रक्रिया सामाजिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए संस्थानों को आसानी से भूमि प्रदान करेगी, जिससे वे अपने कार्यों को और प्रभावी ढंग से संचालित कर सकेंगे।
बदलाव से इन्हें मिलेगा लाभ
इस बदलाव से स्कूल, अस्पताल, मंदिर, वृद्धाश्रम, बाल आश्रम, अनाथाश्रम और अन्य धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं को विशेष रूप से लाभ होगा। इन संस्थानों को अब बिना किसी बोली की प्रतिस्पर्धा में उतरे, भूमि प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी सेवाएं अधिक व्यापक और प्रभावशाली बन सकेंगी।
सामाजिक संगठनों की भूमिका पर जोर
डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि सामाजिक संगठनों की भागीदारी शहर के विकास में महत्वपूर्ण है। वे वृद्धाश्रम, अनाथालय, बाल आश्रम और अन्य सेवा संस्थानों के माध्यम से समाज के वंचित और जरूरतमंद वर्गों की सेवा करते हैं। इसीलिए, उनके लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया को सरल और उनके कार्यक्षेत्र के अनुकूल बनाने की आवश्यकता थी। यह नीति परिवर्तन सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं को वृंदावन और यमुना सिटी के क्षेत्र में अपनी सेवाओं को विस्तार देने में सहायक सिद्ध होगी। इससे न केवल समाज के कमजोर वर्गों को मदद मिलेगी, बल्कि शहर का समग्र सामाजिक ताना-बाना भी और मजबूत होगा।
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