सबसे अधिक जमीन नगला फिरोजपुर गांव के ग्रामीणों की अधिग्रहीत की जाएगी। नगला फिरोजपुर गांव की करीब 247.84 हेक्टेयर जमीर जीडीए अधिग्रहीत करेगा।
Ghaziabad News : हरनंदीपुरम बसाना जीडीए के लिए आसान नहीं, ग्रामीण मांग रहे मुंहमांगा मुआवजा
Sep 20, 2024 08:24
Sep 20, 2024 08:24
- आठ गावों में अधिग्रहित की जाएगी 541.1 हेक्टेयर जमीन
- नगला फिरोजपुर गांव के ग्रामीण मांग रहे मुंहमांगा मुआवजा
- ग्रामीण बोले, अपनी जमीन अपने हिसाब से हम बेचेंगे
वो भी अपनी जमीन का सौदा जीडीए से अपने मन मुताबिक करेंगे
जीडीए के जमीन अधिग्रहण के पहले ही फिरोजपुर गांव के किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। किसानों का कहना है कि जिस प्रकार जीडीए जमीन अधिग्रहीत कर मुंहमांगी कीमत पर जमीन और फ्लैट बेचता है। उसी प्रकार वो भी अपनी जमीन का सौदा जीडीए से अपने मन मुताबिक करेंगे। हालांकि इस विवाद से निपटने के लिए जीडीए एक कमेटी बनाएगा। इस कमेटी में जीडीए के अधिकारी, राजस्व अधिकारी और किसानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये कमेटी भू अधिग्रहण के दौरान किसानों और जीडीए के बीच समझौता का काम करेगी। जिससे कि भू अधिग्रहण के बाद किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं हो। नगला फिरोजपुर गांव के किसान रामबोल सिंह का कहना है कि जीडीए किसानों की जमीन औने पौने दाम में खरीदना चाहता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। जीडीए की पूर्व की योजनाओं में भू अधिग्रहण के मामले में देखा गया है कि किसानों को अपनी जमीन देने के बदले नुकसान ही हुआ है। इस बार ऐसा नहीं होगा। पूरा गांव एकजुट है और अपने मन मुताबिक अपनी जमीन का सौदा करेगा।
टाउनशिप के उत्तर में पाइपलाइन रोड और पूर्व में एनपीई
टाउनशिप उत्तर में पाइपलाइन रोड से लेकर पूर्व में नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड और दक्षिण में मोरटी तक फैली होगी। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण और नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत इसे बसाया जा रहा है।
इन गांवों से भी अधिग्रहीत की जाएगी जमीन
हरनंदीपुरम बसाने के लिए शमशेर गांव की 123.97 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। शाहपुर मोरटा की करीब 54.20 हेक्टेयर, भोवापुर की 53.26 हेक्टेयर, चंपत नगर की 39.2 हेक्टेयर, भनेरा खुर्द की 11.83 हेक्टेयर और मथुरापुर की 8.72 हेक्टेयर, और मोरटी की करीब 2.58 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक, हरनंदीपुरम को विकसित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। जिसका अधिकांश हिस्सा भूमि अधिग्रहण में खर्च किया जाएगा।
जीडीए को जुटाने होंगे पांच हजार करोड़ रुपये
जीडीए के एक अधिकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण और नए शहर प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य सरकार भूमि लागत का 50 फीसदी वहन करेगी। जबकि जीडीए को शेष राशि वहन करनी होगी। उन्होंने कहा, “नई टाउनशिप के लिए जीडीए को कम से कम 5,000 करोड़ रुपये जुटाने होंगे। लागत को पूरा करने के लिए, हमने अपनी भूमि और संपत्ति का ऑडिट करने के लिए लखनऊ स्थित एक एजेंसी को काम पर रखा है। टाउनशिप की लागत को पूरा करने के लिए इसे मुद्रीकृत किया जाएगा।
आधुनिक टाउनशिप होगी हरनंदीपुरम
हरनंदीपुरम में आवासीय के साथ- साथ व्यवसायिक और संस्थागत भूखंड भी होंगे। इसमें पब्लिक को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। आरआरटीएस के साथ ही साथ नॉर्दर्न पेरीफेरल रोड, दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल से कनेक्टिविटी रहेगी। ऑर्बिटर रेल की इस टाउनशिप से जोड़ने की योजना है.जीडीए की प्लानिंग इस शहर को एक आधुनिक और स्वच्छ शहर बनाने की है।
बोले अधिकारी
इस बारे में जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह का कहना है कि किसानों और जीडीए के बीच भू अधिग्रहण को लेकर किसी प्रकार का विवाद नहीं हो इसके लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी में किसानों के प्रतिनिधि भी होंगे। कमेटी की सहमति से जीडीए किसानों की भूमि का अधिग्रहण करेगा। पहले से जमीन का रेट तय किया जाएगा।
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