हाल में दो साल में दिल्ली विश्वविद्यालय ने उच्च फीस वाले पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। उनमें फीस वृद्धि शुरू हो गई है। विश्वविद्यालयों को स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए कहा है।
Ghaziabad News : DU में पढ़ाई अब होगी महंगी, बढ़ेगी फीस, जानें कितना महंगा हुआ कोर्स
Jul 27, 2024 05:53
Jul 27, 2024 05:53
- गाजियाबाद और एनसीआर के बच्चों का सपना दिल्ली विवि में पढ़ाई करना
- अगले सत्र से बढ़ी फीस पर होगी दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढाई
- फीस संशोधन कमेटी की सिफारिशों को कुलपति आज देंगे अनुमति
आगामी शैक्षणिक सत्र 2024-25 से पढ़ाई महंगी
दिल्ली विश्वविद्यालय में आगामी शैक्षणिक सत्र 2024-25 से पढ़ाई महंगी होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की फीस बढ़ाने की तैयारी हो गई है। इसके तहत पांच वर्षीय इंटिग्रेटिड लॉ प्रोग्राम (बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी), बीटेक प्रोग्राम, विदेशी छात्रों के लिए, इंटिग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटेप), पीएचडी व एनसीवेब (नॉन कॉलेजिऐट महिला शिक्षा बोर्ड) में फीस वृद्धि की गई है।
कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा
फीस संशोधन कमेटी की सिफारिशों को कुलपति की अनुमति के बाद शनिवार को होने जा रही कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। बीटेक के इस साल के फीस ढांचे पर नजर डालें तो फीस में एक साल के आठ हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है। वर्तमान में बीटेक की फीस वार्षिक 2,16,000 है जिसे बढ़ाकर 2,24,000 रुपये किया जाएगा।
ये होगी लॉ प्रोग्राम की फीस
वहीं लॉ प्रोग्राम में वर्तमान फीस 1,90,000 है जोकि बढ़कर 1,99,700 रुपये हो जाएगी। एनसीवेब के बीए व बीकॉम प्रोग्राम में फीस 3200-3600 तक है। ये अब बढ़कर 7,130 रुपये तक होगी। इस तरह से विभिन्न पाठ्यक्रमों में बढ़ोतरी दो हजार से लेकर 9 हजार रुपये तक की है। डीयू की कार्यकारी परिषद के सदस्य एके सिंह ने बताया कि फीस बढ़ोतरी को नियम 11जी के तहत कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा है। उन्होंने कहा कि इस तरह से फीस बढ़ोतरी करना अनुचित है। इससे निम्न वर्ग व उच्च मध्य वर्गीय छात्रों पर अधिक प्रभाव पड़ेगा। डीयू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है और यहां निम्न आय वर्ग वाले छात्र कम फीस में पढ़ाई करते हैं। लेकिन फीस बढ़ोतरी करने से उनकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा।
छात्रों पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
बीटेक पाठ्यक्रमों सहित विभिन्न कार्यक्रमों की फीस वृद्धि ठीक नहीं है। छात्रों द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय को चुनने का एक कारण कम फीस है। लेकिन हाल में दो साल में दिल्ली विश्वविद्यालय ने उच्च फीस वाले पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। उनमें फीस वृद्धि शुरू हो गई है। विश्वविद्यालयों को स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों को शुरू करने के लिए कहा है। जिससे केंद्रीय विश्वविद्यालयों का व्यवसायीकरण और निजीकरण हो रहा है। इस तरह से आर्थिक रूप से गरीब वर्ग के छात्र कहां जाएंगे।
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