इंदिरापुरम हस्तांतरण का मामला ठंडे बस्ते में: जीडीए के अधिकारियों ने सीएम के आदेश को हवा में उड़ाया

जीडीए के अधिकारियों ने सीएम के आदेश को हवा में उड़ाया
UPT | Ghaziabad Development Authority

Mar 15, 2024 16:13

इंदिरापुरम के हस्तांतरण का मुद्दा हो या फिर सार्वजनिक पार्कों के रखरखाव की बात हो जीडीए के अधिकारियों की लापरवाही की शिकायतों की एक लंबी फेहरिस्त है...

Mar 15, 2024 16:13

Ghaziabad News : इंदिरापुरम के हस्तांतरण का मुद्दा हो या फिर सार्वजनिक पार्कों के रखरखाव की बात हो जीडीए के अधिकारियों की लापरवाही की शिकायतों की एक लंबी फेहरिस्त है। ट्रांस हिंडन के वैशाली, वसुंधरा, प्रताप विहार, चंद्र विहार, सूर्य विहार और इंदिरापुरम सहित बड़े क्षेत्रों में सार्वजनिक पार्क पूर्व में जीडीए अथवा आवास विकास परिषद द्वारा विकसित किए गए हैं। जिसके बाद कालोनी हस्तांतरण की प्रक्रिया हुई जिसमें बहुत से इलाके नगर निगम परिक्षेत्र में हस्तांतरित हो गए। लेकिन बहुत से इलाकों के सार्वजनिक पार्कों की देख-रेख को लेकर नागरिकों और सामाजिक संगठनों के प्रयास अब जवाब देने लगे हैं। 

चंदे से किए जा रहे कार्य
बता दें कि आम नागरिक अपने निजी मद से धन इकट्ठा करके पार्कों की दशा को संभाले हुए हैं लेकिन बड़े-बड़े विकास के दावे करने वाले जीडीए के अधिकारी जनता के हितों के लिए कब कार्य करेंगे इसकी जवाब शायद किसी के पास नहीं है। जीडीए में विराजमान अधिकारियों को एनजीटी में जाकर फटकार क्यों नहीं खानी पड़े, लेकिन जनता के मुद्दों पर हीलाहवाली और लापरवाही ऐसी है कि मुख्यमंत्री के आदेश तक अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखती हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण इंदिरापुरम का हस्तांतरण का मुद्दा मुख्य है। मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के बाद भी अधिकारियों की तंद्रा नही टूट रही। मुख्यमंत्री ने इंदिरापुरम हस्तांतरण के मुद्दे को जल्द समाप्त करने के निर्देश दिए थे। लेकिन शायद मुख्यमंत्री के आदेश को भी अधिकारियों ने हवा में उड़ा दिया है। 

पार्षदों की परेशानी
वर्तमान पार्षद प्रीति जैन और पूर्व पार्षद अभिनव जैन ने बताया कि अभी इंदिरापुरम जीडीए के अधिकार क्षेत्र में है इस लिए पार्षद के पास भी अधिकार सीमित हैं। क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान हस्तांतरण के बाद ही संभव है। उन्होंने बताया कि नगर निगम में आने के बाद ही इंदिरापुरम में नगर निगम का बजट लग पाएगा। इससे पहले यह संभव नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही और क्षेत्रीय नेताओं की उदासीनता वैशाली के अंबेडकर पार्क में भी देखी जा सकती है, जिसमे छठ घाट के लिए विकसित स्थल में बरसात का पानी दुर्गंध फैला रहा है। आम जनता दुर्गन्ध के बीच टहलने मजबूर है। दीवारों की जर्जर हालत और सुरक्षा के अभाव में जानवर पार्को को चारागाह के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे हालात अन्य पाकों के भी है।

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