जीडीए का बड़ा फैसला : 1500 से ज्यादा भवनों की नहीं बढ़ेंगी कीमत, बोर्ड में रखा जाएगा प्रस्ताव

1500 से ज्यादा भवनों की नहीं बढ़ेंगी कीमत, बोर्ड में रखा जाएगा प्रस्ताव
UPT | गाजियाबाद विकास प्राधिकरण।

Jul 19, 2024 02:31

(जीडीए) के वाइस चेयरमैन ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में जीडीए के लगभग 1500 अनिस्तारित भवनों की कीमतों में वित्तीय वर्ष 2024-25 तक कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।

Jul 19, 2024 02:31

Short Highlights
  • जीडीए के वाइस चेयरमैन अतुल वत्स ने की महत्वपूर्ण घोषणा 
  • 1500 अनिस्तारित भवनों की कीमतों में एक वर्ष तक वृद्धि नहीं
Ghaziabad News : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के वाइस चेयरमैन अतुल वत्स ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में जीडीए के लगभग 1500 अनिस्तारित भवनों की कीमतों में वित्तीय वर्ष 2024-25 तक कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। यह निर्णय पांच प्रमुख आवासीय योजनाओं के अंतर्गत आने वाले भवनों पर लागू होगा। इन योजनाओं में मधुबन बापूधाम आवासीय योजना, कोयल एन्क्लेव योजना, इंद्रप्रस्थ योजना, चंद्रशिला योजना और संजयपुरी योजना शामिल हैं। यह कदम न केवल आवास खरीदारों के लिए राहत भरा है, बल्कि जीडीए के लिए भी अपने अनिस्तारित स्टॉक को कम करने में सहायक हो सकता है। 

भवनों की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं 
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने अपने लगभग 1500 अनिस्तारित भवनों की कीमतों को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्राधिकरण ने घोषणा की है कि अगले एक वर्ष तक इन भवनों की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित मूल्य वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी यथावत रहेंगे। इस प्रस्ताव को जुलाई के अंत में होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। जीडीए के वाइस चेयरमैन अतुल वत्स ने बताया कि यह निर्णय पूर्व की प्रथा से अलग है, जहां सर्कल रेट के आधार पर सेक्टर रेट निर्धारण के दौरान कीमतों में मामूली वृद्धि होती थी। यह कदम संभावित खरीदारों के लिए राहत लेकर आ सकता है और अनिस्तारित संपत्तियों की बिक्री को प्रोत्साहित कर सकता है। 

नए तरीके से कैलकुलेशन भी नहीं
(जीडीए) ने अपनी अनिस्तारित संपत्तियों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए एक नई रणनीति अपनाई है। अब न केवल इन संपत्तियों की कीमतों में वृद्धि नहीं की जाएगी, बल्कि नए तरीके से कैलकुलेशन भी नहीं किया जाएगा और ब्याज भी नहीं लगाया जाएगा। यह कदम पिछले प्रयासों से अलग है, जहां लॉटरी ड्रा और 'पहले आओ पहले पाओ' जैसी योजनाओं के बावजूद लोगों ने अधिक रुचि नहीं दिखाई थी। इसका मुख्य कारण यह था कि हर साल कीमतों में मामूली वृद्धि होती रहती थी, भले ही रेट फ्रीज किए गए थे। जीडीए को उम्मीद है कि यह नया दृष्टिकोण अनिस्तारित संपत्तियों के लिए अधिक ग्राहक आकर्षित करेगा और बिक्री में वृद्धि होगी। यह निर्णय न केवल खरीदारों के लिए फायदेमंद है, बल्कि जीडीए के लिए भी अपने अनिस्तारित स्टॉक को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

5 योजनाओं में हैं इस तरह के खाली भवन
जीडीए के अधिकरियों ने बताया कि ये भवन पांच योजनाओं में खाली पड़े हैं। मधुबन बापूधाम आवासीय योजना, कोयल एन्क्लेव योजना, इंद्रप्रस्थ योजना, चंद्रशिला योजना और मोदीनगर के संजयपुरी योजना शामिल हैं। इसमें थ्री बीएचके से लेकर टू बीएचके, मिनी एमआईजी, एलआईजी और ईडब्ल्यूएस के भवन शामिल है। पहले आओ और पहले पाओ के तहत पिछले कई सालों में जीडीए ने केवल 166 भवनों की बिक्री कर सका। लेकिन इसके मेनटेनेंस करने में हर साल जीडीए के लाखों रुपए खर्च होते है।

सुविधाओं की कमी से नहीं बिकते भवन
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के फ्लैटों की बिक्री में आ रही कठिनाइयों का एक प्रमुख कारण सुविधाओं की कमी है। जीडीए के फ्लैटों की कीमतें प्राइवेट बिल्डरों की तुलना में अधिक होने के बावजूद, इनमें आधुनिक सुविधाओं का अभाव है। इन फ्लैटों में क्लब हाउस, स्विमिंग पूल, और बच्चों के लिए खेल के मैदान जैसी सुविधाएं नहीं होतीं, जो आज के खरीदारों के लिए महत्वपूर्ण हैं। यही कारण है कि लोग अधिक कीमत देकर भी जीडीए के फ्लैट खरीदने से बचते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चंद्रशिला योजना को छोड़कर जीडीए की अन्य योजनाओं के फ्लैटों की बिक्री न होने का यह सबसे बड़ा कारण है। यह स्थिति जीडीए के लिए चिंता का विषय है।

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