गाजियाबाद पुलिस को राजू ने बताया था कि उसका 31 साल पहले अपहरण किया गया था। कहा कि उसे राजस्थान में बंधक बनाकर रखा गया था। वहां से बचकर किसी प्रकार निकला है।
कहानी राजू की : राजस्थान वाली कहानी सुनाई फिर बेटा बनकर भावनाओं से खेला, पुलिस ने खोल दिया राज
Dec 02, 2024 19:48
Dec 02, 2024 19:48
- शहीद नगर के परिवार की खुशियां एक पल में हुई दूर
- देहरादून के बुजुर्ग दंपती ने बताया राजू को बताया अपना बेटा
- बुजुर्ग दंपती के पास भी बेटा बनकर देहरादून में रहा राजू
राजू को अपना बेटा बताया
राजू की कहानी समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद देहरादून के बुजुर्ग दंपति पुलिस के पास पहुंचे और राजू को अपना बेटा बताया था। लापता होने के 31 साल बाद जिस राजू के मिलने पर साहिबाबाद के शहीद नगर का रहने वाला परिवार खुशियां मना रहा था। उनकी खुशियां एक पल में काफूर हो गईं। राजू की कहानी अब पूरी तरह से बदल गई है। राजू को लेकर एक और खुलासा हुआ है। खोड़ा पहुंचने से पहले जुलाई 2024 में राजू उत्तराखंड के देहरादून पहुंचा था।
राजस्थान और भेड़ चराने, प्रताड़ित होने की कहानी सुनाई
यहां देहरादून पुलिस के पास पहुंचकर भी राजू ने खुद को 16 साल पहले लापता होना बताया था। समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद देहरादून के एक बुजुर्ग दंपति पुलिस के पास पहुंचे और राजू को अपना बेटा बताया था।
16 साल पहले लापता हुआ बेटा बनकर रहा
राजू ने भी गाजियाबाद की तरह देहरादून पुलिस को भी राजस्थान और भेड़ चराने, प्रताड़ित होने की कहानी सुनाई थी। देहरादून थाने में पहुंचते ही बुजुर्ग महिला को राजू ने गले से लगा लिया था। अपनी मां और बुजुर्ग को पिता के रूप में पहचाना। इसके बाद आठ महीने तक राजू बुजुर्ग दंपति के साथ उनका 16 साल पहले लापता हुआ बेटा बनकर रहा।
31 साल पहले लापता हुआ उनका बेटा राजू
अब वह गाजियाबाद के साहिबाबाद थानाक्षेत्र स्थित शहीद नगर में एक परिवार के साथ 31 साल पहले लापता हुआ उनका बेटा राजू उर्फ भीमसिंह उर्फ पन्नू बनकर रह रहा है। देहरादून की कहानी सामने आने के बाद से साहिबाबाद थाना पुलिस ने राजू को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ चल रही है। गाजियाबाद पुलिस की एक टीम देहरादून भी पहुंची है।
गाजियाबाद पुलिस को राजू ने बताया
गाजियाबाद पुलिस को राजू ने बताया था कि उसका 31 साल पहले अपहरण किया गया था। कहा कि उसे राजस्थान में बंधक बनाकर रखा गया था। वहां से बचकर किसी प्रकार निकला है। राजस्थान में उसे जैसलमेर में एक झोपड़ी में रखा गया था। उसका अपहरण करने के बाद उससे बकरी चरवाने का काम किया जाता था। अगर कोई गलती हो जाती थी तो उसे बुरी तरह से पीटा जाता था। राजू ने बताया कि उन्हें झोपड़ी में रखा गया था। वहां बिजली भी नहीं थी। उन्होंने लोगों के हाथ में मोबाइल फोन देखा तो है लेकिन कभी चलाया नहीं। उन्हें टीवी चलाना भी नहीं आता है। कभी स्कूल गए ही नहीं।
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