पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए साजिशकर्ताओं ने बुजुर्गों को पीस कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए वेवसिटी थाने भेजा गया। उधर, युवाओं को भडक़ा कर मंदिर की तरफ कूच कर दिया गया
Ghaziabad News : गाजियाबाद डासना देवी मंदिर पर हमले को खुफिया विभाग ने माना मॉब लिचिंग का प्रयास, पुलिस की तत्परता से बची वारदात
Oct 08, 2024 16:17
Oct 08, 2024 16:17
- जांच में सामने आई बड़ी साजिश
- थाने में पीस कमेटी की बैठक की
- साजिशकर्ताओं को ट्रेस करने में जुटी पुलिस
आपत्तिजनक बयान वीडियो के जरिए सोशल मीडिया में वायरल
डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा समुदाय विशेष के पैगंबर के खिलाफ दिया गया आपत्तिजनक बयान 3 अक्तूबर को वीडियो के जरिए सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिसके बाद से समुदाय विशेष के लोगों ने यति नरसिंहानंद पर कड़ी कार्रवाई की मांग शुरू कर दी। लेकिन 4 अक्तूबर को यति नरसिंहानंद के शिष्य एवं खुद को छोटा नरसिंहानंद बताने वाले अनिल यादव का जो वीडियो बयान सामने आया, उससे समुदाय विशेष के लोग आक्रोशित हो उठे और वह डासना देवी मंदिर पर हमला बोलने के लिए चल दिए। पुलिस ने रोका तो भीड़ ने पथराव कर दिया। साथ ही धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नारे लगाए। पुलिस ने समय रहते सैकड़ों हमलावरों को खदेड़ दिया। इस संबंध में वेव सिटी पुलिस ने डेढ़ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिनमें से 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज चुकी है।
थाने में पीस कमेटी की बैठक कर रहे थे बुजुर्ग और युवा मंदिर पर हमला
सूत्र बताते हैं कि उक्त घटनाक्रम को शुरुआत में यति और अनिल यादव के बयान पर गुस्साए लोगों की प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया। लेकिन खुफिया विभाग की जांच में यह हमला कोई मामूली घटना नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश के रूप में सामने आई है। पता चला है कि पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए साजिशकर्ताओं ने बुजुर्गों को पीस कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए वेवसिटी थाने भेजा गया। उधर, युवाओं को भडक़ा कर मंदिर की तरफ कूच कर दिया गया। बताया जा रहा है कि साजिशकर्ताओं की योजना डासना देवी मंदिर पर हमला कराके मॉब लिंचिंग करने की थी। जिसे समय रहते मिले इनपुट के बाद पुलिस ने नाकाम कर दिया।
बढ़ाई गई देवी मंदिर की सुरक्षा, जांच के बाद ही मिलेगा प्रवेश
यूं तो डासना देवी मंदिर पर पुलिस और पीएसी का कड़ा पहरा पहले से है, लेकिन बीते दिनों हुई कई संदिग्ध गतिविधियों और फिर 4 अक्तूबर की घटना के बाद से मंदिर की सुरक्षा और अधिक बढ़ा दी गई है। पूर्व में जहां मंदिर पर 35-40 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात रहते थे, अब इस संख्या को 100 से अधिक कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में व्यक्ति को आधार कार्ड देखकर मंदिर में प्रवेश दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मंदिर में आने वाले व्यक्ति के बारे में पुलिस पूरी तहकीकात करेगी, इसके बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। आने वाले व्यक्ति के मोबाइल में दर्ज नंबरों पर फोन करके शिनाख्त की जाएगी तथा सोशल अकाउ्टंस खंगाले जाएंगे। व्यक्ति को पूरी तरह तस्दीक करने के बाद ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा।
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