Ghaziabad News : एनसीआरटीसी को प्रतिष्ठित प्लेटिनम ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2024 से किया गया सम्मानित

एनसीआरटीसी को प्रतिष्ठित प्लेटिनम ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2024 से किया गया सम्मानित
UPT | सम्मेलन में पुरस्कार प्राप्त करते एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल।

Aug 03, 2024 14:52

कॉरिडोर  के एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद दिल्ली से मेरठ के बीच सड़कों से प्रतिदिन एक लाख से अधिक वाहनों के कम होने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में सालाना लगभग 250,000 टन की कमी आने की उम्मीद

Aug 03, 2024 14:52

Short Highlights
  • नई दिल्ली में आयोजित हुआ 15 वां विश्व अक्षय ऊर्जा सम्मेलन 
  • एक नए युग की शुरुआत कर रही है नमो भारत ट्रेन
  • जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम  
NCRTC News : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए 14वें प्लेटिनम ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी अवार्ड-2024 से सम्मानित किया गया है। 2 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित 15वें विश्व अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन के दौरान यह सम्मान एनर्जी एंड एंवायरनमेंट फ़ाउंडेशन (ईईएफ) द्वारा प्रदान किया गया।
इस सम्मेलन का विषय (थीम) था: “रिन्यूएबल एनर्जी, एनर्जी एफिसिएंसी एंड सस्टेनेबल सोल्यूशन्स फोर ए ग्रीन इकोनोमी” ("नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और हरित अर्थव्यवस्था के लिए सतत समाधान)।  इस अवसर पर एनसीआरटीसी की ओर से इलेक्ट्रिकल और रोलिंग स्टॉक के निदेशक श्री महेंद्र कुमार ने पुरस्कार ग्रहण किया।

पर्यावरण के अनुकूल नमो भारत ट्रेनें
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कहा कि "यह पुरस्कार, अपनी तरह की पहली आरआरटीएस परियोजना के माध्यम से सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव बनाने हेतु एनसीआरटीसी के योगदान और प्रतिबद्धता के लिए प्रदान किया गया है। पर्यावरण के अनुकूल नमो भारत ट्रेनें एनसीआर में जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक बढ़ा रही हैं, क्योंकि इससे क्षेत्रीय आवागमन तेज, अधिक सुविधाजनक, विश्वसनीय और आरामदायक हो रहा है। आरआरटीएस जैसी परियोजनाएं वायु प्रदूषण और भीड़भाड़ जैसी लगातार बढ़ रही समस्याओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधानों में से एक है। 

पर्यावरण के अनुकूल है और विद्युत द्वारा संचालित
रीज़नल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम (आरआरटीएस) में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को अधिकतम करके और ऊर्जा-कुशल उपकरण एवं प्रणालियों को लागू करके एनसीआरटीसी पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने में अग्रणीय है। नमो भारत ट्रेन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सतत परिवहन के एक नए युग की शुरुआत कर रही है, जो पर्यावरण के अनुकूल है और विद्युत द्वारा संचालित होती है। इतना ही नहीं सड़कों पर चलने वाले वाहनों में होने वाली ईंधन की खपत की तुलना में नमो भारत ट्रेनों में महज 1/5 ईंधन की खपत होती है। 

आरआरटीएस कॉरिडोर में सौर ऊर्जा को व्यापक रूप से अपनाकर
 एनसीआरटीसी ने जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आरआरटीएस कॉरिडोर में सौर ऊर्जा को व्यापक रूप से अपनाकर अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया है। एनसीआरटीसी का लक्ष्य अपने सौर ऊर्जा संसाधनों से सालाना 11 मेगावाट अक्षय ऊर्जा पैदा करना है और इसमें से 3 मेगावाट अक्षय ऊर्जा वर्तमान में पैदा की जा रही है, जिससे सालाना 3,100 टन कार्बनडाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। एनसीआरटीसी द्वारा 11 मेगावाट अक्षय ऊर्जा पैदा करने के लक्ष्य को प्राप्त करने पर सालाना कुल 11,500  टन कार्बनडाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। 

उच्चतम रेटिंग प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया
 एनसीआरटीसी द्वारा सभी आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो और इमारतों के लिए आईजीबीसी प्रमाणन की उच्चतम रेटिंग प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में बेहतर प्रयासों के लिए पहले साहिबाबाद और गुलधर आरआरटीएस स्टेशनों, गाजियाबाद और मुराद नगर रिसीविंग सबस्टेशन और हाल ही में दुहाई आरआरटीएस स्टेशन को प्रतिष्ठित "प्लेटिनम रेटिंग" अवार्ड प्राप्त हो चुका है। 

रिसीविंग सब-स्टेशनों, एएसएस और डिपो सहित
एनसीआरटीसी ने ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से ऊर्जा उपयोग के लिए कई नवीनतम तकनीकों का चयन किया है, जिनमें ऊर्जा-कुशल एलईडी लाइट, स्टेशनों, रिसीविंग सब-स्टेशनों, एएसएस और डिपो सहित अन्य जगहों पर सोलाट्यूब डेलाइटिंग सिस्टम का उपयोग किया है। इसके साथ ही नमो भारत ट्रेनों में पुश बटन का फीचर भी खास है, जिसे ऊर्जा की बचत के उद्देश्य से लागू किया गया है। इससे ट्रेन के सभी दरवाजे एक साथ खुलने के बजाए, चुनिंदा दरवाजे खोलने की सुविधा मिलती है। इसके अलावा ट्रेन में उन्नत प्रकाश व्यवस्था और तापमान नियंत्रण प्रणाली भी यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर तैयार की गई है, जो विद्युत संरक्षण भी सुनिश्चित करती है। इसके अतिरिक्त, एनसीआरटीसी यात्रियों की सुविधा के लिए प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशन के पार्किंग क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग की सुविधाएं भी प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है। 

जल संचयन के लिए व्यापक भी व्यापक प्रयास
वहीं, एनसीआरटीसी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए व्यापक भी व्यापक प्रयास कर रहा है, जिसमें जल पुनर्भरण को अधिकतम करने के लिए 900 से अधिक वर्षा जल संचयन गड्ढे विकसित किए जा रहे हैं। यहां तक कि गाजियाबाद और मेरठ जिलों में किसानों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिसमें जल संरक्षण को प्राथमिकता देने वाली समकालीन कृषि तकनीकों पर जोर दिया गया। किसानों को ड्रिप सिंचाई और हाइड्रोपोनिक्स जैसी आधुनिक कृषि पद्धतियों से परिचित कराकर, एनसीआरटीसी सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दे रहा है जो उत्पादकता को बढ़ाते हुए पानी की खपत को कम करती हैं।

लक्ष्य मौजूदा सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क
मल्टी-मॉडल एकीकरण भी आरआरटीएस के मुख्य लक्ष्यों में से एक है, जिसका लक्ष्य मौजूदा सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के साथ सहजता से जुड़ना है। इसके लिए एनसीआरटीसी ने अन्य पारगमन साधनों के करीब आरआरटीएस स्टेशनों को रणनीतिक रूप से स्थापित किया है, ताकि आरआरटीएस के यात्रियों को सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा अनुभव प्राप्त हो सके और सतत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था तैयार हो सके। 

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के सम्पूर्ण रूप से संचालित होने पर सार्वजनिक परिवहन के उपयोग में 37% से बढ़कर 63% की अनुमानित वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे यातायात की भीड़ को काफी हद तक कम करने और निजी वाहनों पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी। इस कॉरिडोर  के एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद दिल्ली से मेरठ के बीच सड़कों से प्रतिदिन एक लाख से अधिक वाहनों के कम होने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में सालाना लगभग 250,000 टन की कमी आने की उम्मीद है।

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