RRTS Corridor : बिजली बचत के लिए किया एनसीआरटीसी का पीटीसी से करार

बिजली बचत के लिए किया एनसीआरटीसी का पीटीसी से करार
UPT | ओएमयू पर साइन होने के बाद आरआरटीएस और पीएनटी के अधिकारी।

Oct 01, 2024 08:32

पावर ट्रेडिंग का चरणबद्ध कार्यान्वयन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के पहले से चालू खंड से शुरू होगा, जिसे आगे पूर्ण संचालन होने पर विस्तार किया जाएगा

Oct 01, 2024 08:32

Short Highlights
  • गाजियाबाद, मुरादनगर सबस्टेशनों पर बिजली की आपूर्ति
  • बिजली की जरूरत को पूरा करने में मिलेगी मदद
  • दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर चरणबद्ध संचालित
NCRTC, RRTS Corridor : एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए पावर एक्सचेंज के माध्यम से ग्रीन एनर्जी सहित कम लागत वाली बिजली की खरीद के लिए पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (पीटीसी) इंडिया के साथ ओएमयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस ओएमयू से एनसीआरटीसी को यूपी के गाजियाबाद, मोदीपुरम, शताब्दी नगर और मुरादनगर में स्थित अपने रिसीविंग सबस्टेशनों(आरएसएस) के साथ दिल्ली में सराय काले खां में पावर एक्सचेंजों के माध्यम से अपनी बिजली की जरूरत को पूरा करने में सहयोग मिलेगा। इस समझौते का लक्ष्य आरआरटीएस की समग्र बिजली लागत को कम करना है।

आरआरटीएस के लिए कम लागत वाली बिजली हासिल करेगा
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल और पीटीसी के सीएमडी मनोज झावर की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत, एनसीआरटीसी न केवल आरआरटीएस के लिए कम लागत वाली बिजली हासिल करेगा, बल्कि एनसीआरटीसी की ससटेनबिलिटी को भी सुनिश्चित करेगा।  

बिजली की लागत को कम करना एनसीआरटीसी का मुख्य लक्ष्य
वर्तमान में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को चरणबद्ध तरीके से संचालित किया जा रहा है। एनसीआरटीसी अपनी उच्च गति वाली और अत्याधुनिक नमो भारत ट्रेनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बिजली पर निर्भर है। बिजली की लागत को कम करना एनसीआरटीसी का मुख्य लक्ष्य है, क्योंकि ऊर्जा व्यय इसके परिचालन व्यय का लगभग 30-35 प्रतिशत है।

वर्तमान में डिस्कॉम से बिजली प्राप्त कर रहा
एनसीआरटीसी वर्तमान में डिस्कॉम से बिजली प्राप्त कर रहा है और बिजली एक्सचेंजों के माध्यम से ऊर्जा लागत को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं बशर्ते कि समग्र टैरिफ डिस्कॉम के ऊर्जा शुल्क से कम हो। पीटीसी इंडिया, बिजली एक्सचेंज व्यवसाय में व्यापक अनुभव के साथ इस प्रयास में एनसीआरटीसी की सहायता करेगा, जिससे एक विश्वसनीय और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए लागत को कम करने में मदद मिलेगी। पीटीसी ने पहले भी विभिन्न संगठनों को इसी तरह की ऊर्जा प्रबंधन सेवाएं प्रदान की हैं।

आरआरटीएस बड़ी लागत वाली परियोजना
एनसीआरटीसी प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कहा, "आरआरटीएस जैसी बड़ी लागत वाली परियोजना को दीर्घावधि में सस्टेनेबल होना चाहिए। हमें अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के प्रबंधन में पीटीसी इंडिया के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है। एनसीआरटीसी अभिनव और सस्टेनेबल समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समझौता कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए हरित ऊर्जा सहित विश्वसनीय और लागत प्रभावी बिजली हासिल करने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

साहिबाबाद और मेरठ साउथ के बीच कॉरिडोर का 42 किमी का खंड परिचालित
वर्तमान में,साहिबाबाद और मेरठ साउथ के बीच कॉरिडोर का 42 किमी का खंड परिचालित है। जिसमें 9 स्टेशन हैं। मेरठ मेट्रो के साथ-साथ संपूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर जून 2025 तक संचालित करने के लक्ष्य पर एनसीआरटीसी कार्य कर रही है। एनसीआरटीसी एक आधुनिक, सतत और कुशल परिवहन नेटवर्क बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सहयोग इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है।

अभिनव तरीकों को अपनाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा
यह समझौता एनसीआरटीसी की अपने आरआरटीएस कॉरिडोर के कुशल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए अभिनव तरीकों को अपनाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। पीटीसी इंडिया एनसीआरटीसी के व्यापारिक भागीदार के रूप में कार्य करेगा, बिजली खरीद की सुविधा प्रदान करेगा और सभी ऊर्जा आवश्यकताओं का प्रबंधन करेगा। पावर ट्रेडिंग का चरणबद्ध कार्यान्वयन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के पहले से चालू खंड से शुरू होगा, जिसे आगे पूर्ण संचालन होने पर विस्तार किया जाएगा।  

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