Ghaziabad AQI News : जहरीली हवा से लोगों में खांसी और आंखों में जलन की समस्या, गाजियाबाद का एक्यूआई 348

जहरीली हवा से लोगों में खांसी और आंखों में जलन की समस्या, गाजियाबाद का एक्यूआई 348
UPT | गाजियाबाद में वायु प्रदूषण के कारण वातावरण में छाई धुंध।

Nov 03, 2024 08:48

लोगों से सबसे खराब दिनों में घर के अंदर रहने को कहा है। हालांकि गाजियाबाद की हवा को जहरीला बनाने वाली कई समस्याएं अभी भी जारी हैं। लोग अभी भी त्योहारों पर भारी मात्रा में आतिशबाजी कर रहे हैं।

Nov 03, 2024 08:48

Short Highlights
  • वातावरण में छाई धुंध बनी लोगों के लिए समस्याएं
  • हवा की रफ्तार कम होने से बढ़ रहा वायु गुणवत्ता सूचकांक
  • बुजुर्ग और बच्चों को घरों को भीतर रहने की सलाह 
Ghaziabad News : गाजियाबाद में दिवाली के बाद से जहरीली हुई शहर की हवा से लोगों को खांसी और आंखों में जलन की समस्या हो रही है। लोगों के गले में खराश और सांस की परेशानी हो रही है। शनिवार की शाम छह बजे गाजियाबाद संजय नगर का एक्यूआई 348 दर्ज किया गया। जबकि वसुंधरा का एक्यूआई 340 और इंदिरापुरम का एक्यूआई 317 दर्ज किया गया। वायु प्रदूषण के लिहाज से गाजियाबाद इस समय देश के टॉप टेन शहरों में शुमार हो गया है। पहले ​नंबर पर राजधानी दिल्ली है। राजधानी दिल्ली विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है। 

शहर में धुंध की मोटी परत
शहर में धुंध की मोटी परत छाई हुई है। शनिवार शाम को घना धुँआ छाया रहा। जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हवा जहरीली होने से खांसी और आंखों में जलन हो रही है। इस समय पूरा एनसीआर जहरीली गैस चैंबर में तब्दील हो गयया है। शहर की हवा इतनी गंदी है कि इसका स्वाद और गंध भी लोग महसूस कर सकते हैं। 
सूक्ष्म कण प्रदूषण पीएम 2.5 की सांद्रता औसतन 700 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के करीब पहुंच गई है। यह सरकारी मानक से 12 गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से 70 गुना अधिक मानी जा रही है। 

खाँसी, आँखों में जलन
लाखों लोग खांसी और आंखों में जलन की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में अब ग्रेप तीन लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके बाद सभी बाहरी गतिविधियों को बंद कर दिया जाएगा। लोगों से सबसे खराब दिनों में घर के अंदर रहने को कहा है। हालांकि गाजियाबाद की हवा को जहरीला बनाने वाली कई समस्याएं अभी भी जारी हैं। लोग अभी भी त्योहारों पर भारी मात्रा में आतिशबाजी कर रहे हैं। रात भर कूड़े के ढेर जलते रहते हैं और शहर में निर्माण परियोजनाओं से निकलने वाली धूल पर कोई रोक नहीं है। जबकि हर सर्दी की शुरुआत में प्रदूषण रोकने के तमाम दावे किए जाते हैं। लेकिन हर बार हालात बद से बदत्तर हो जाते हैं। 
 

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