Ghaziabad News : गाजियाबाद नगर निगम में लेटर बम, नगरायुक्त और मेयर आमने-सामने

गाजियाबाद नगर निगम में लेटर बम, नगरायुक्त और मेयर आमने-सामने
UPT | गाजियाबाद नगर निगम

Aug 10, 2024 02:47

महापौर पति पर आरोप है कि वो निगम की सरकारी फालइों को घरों पर मंगाते हैं। सरकार फाइलों को महापौर पति घर पर मंगाकर उनका अवलोकन करते हैं।

Aug 10, 2024 02:47

Short Highlights
  • महापौर पति पर घर में सरकारी फाइलें मंगाने केे आरोप
  • महापौर और नगर आयुक्त के बीच छिड़ा विवाद
  • महापौर बोलीं-समय आने पर बोलूंगी तो खोल दूंगी सबकी पोल
Ghaziabad News : गाजियाबाद नगर निगम में नगरायुक्त के लैटर बम से हलचल मच गई है। महापौर और नगर आयुक्त दोनों आमने सामने आ गए हैं महापौर पति पर आरोप है कि वो निगम की सरकारी फालइों को घरों पर मंगाते हैं। सरकार फाइलों को महापौर पति घर पर मंगाकर उनका अवलोकन करते हैं।

फाइल भेजने से पहले उनकी अनुमति जरूरी
इन सब का संज्ञान लेते हुए नगरायुक्त ने निगम के सभी विभागों को पत्र लिखा है कि महापौर के घर कोई भी फाइल नहीं भेजी जाएगी। फाइल भेजने से पहले उनकी अनुमति जरूरी होगी। नगर आयुक्त के इस लैटर से निगम की राजनीति में हलचल मच गई है। वहीं इस मामले में महापौर ने भी मोर्चा खोल दिया है। महापौर का कहना है कि उनके द्वारा आए दिन किए जा रहे निरीक्षण में निगम अधिकारियों की पोल खुुल रही है। जिसके कारण निगम अधिकारी बौखलाए हुए हैं। निगम अधिकारी अपनी करनी पर पर्दा डालने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

मेयर कैंप कार्यालय में तैनात संविदाकर्मी हटाया था
बता दें इसी सब के चलते मेयर कैंप कार्यालय में तैनात एक संविदाकर्मी को वहां से हटा दिया गया था। कर्मचारी पर आरोप था कि वो निगम अधिकारियों को फोन करके सरकारी फाइलों को कैंप कार्यालय पर मंगवाता था। संविदा कर्मचारी को हटाने के बाद मेयर ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की थी कि उनको बिना संज्ञान में लिए ही ये कार्यवाही की गई है। मेयर ने कहा था कि जो भी फाइलें कैंप कार्यालय में मंगाई जाती हैं वो उनके आदेश पर ही आती हैं।

नगरायुक्त के पत्र ने किया चौकाने वाला खुलासा
नगरायुक्त विक्रमा दित्य मलिक के पत्र ने चौकाने वाला खुलासा किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि निगम कार्यालय से मेयर सुनीता दयाल के कैंप कार्यालय पर उनके पति द्वारा निगम की पत्रावलियों को मंगाया जा रहा है। नगर आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा है कि नगर निगम कार्यालय से मेयर सुनीता दयाल के पति को पत्रावलियां उपलब्ध कराई जा रही है।

इस पर नगर आयुक्त ने आपत्ति जताते हुए रोक लगाने की बात कही
इस पर नगर आयुक्त ने आपत्ति जताते हुए रोक लगाने की बात कही है। नगर आयुक्त ने अपने पत्र में ये भी कहा है कि सभी विभाग अध्यक्ष इस बात का ध्यान रखें कि आगे से नगर आयुक्त की स्वीकृत के बिना शासकीय कार्यों की पत्रावलिया मेयर के पति को  ना उलब्ध कराई जाए। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि नगर निगम अधिनियम 1959 के अनुसार महापौर को ही निगम की पत्रावलियों और अभिलेखों के अवलोकन का अधिकार है। वो भी विधिवत आवेदन होने और नगर आयुक्त की स्वीकृति के बाद ही।

मेयर पति को फाइलों को मंगाने का कोई अधिकार नहीं
नगर आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा है कि मेयर सुनीता दयाल के पति को निगम की पत्रावलिया और फाइलों को मंगाने का कोई अधिकार नहीं है। मेयर पति का ये कार्य आफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 के तहत दंडनीय अपराध है। पत्र में नगर आयुक्त ने ये भी कहा है कि मेयर पति के पास निगम की पत्रावलियों को भेजने वाले कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बोले नगर आयुक्त
इस बारे में जब नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक से बात की गई तो उनका कहना था कि निगम की पत्रावलियों के अवलोकन का अधिकार मेयर के अलावा और किसी को नहीं है। मेयर भी विधिवत आवेदन के बाद ही पत्रावलियों का अवलोकन कर सकती हैं।   

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