निगम के समस्त पार्षद और पुलिस आमने-सामने हैं। निगम पार्षद अपने साथी की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जबकि उनके साथी की वायरल वीडियो में गुंडई सामने आ चुकी है। यह गुंडई उस पार्टी...
Ghaziabad News : गाजियाबाद में राम और सीता को बीच सड़क पर पीटने वाले भाजपा पार्षद की गुंडई पर बवाल क्यों !
May 24, 2024 14:45
May 24, 2024 14:45
- पार्षद की गुंडई का वायरल वीडियो देखे बगैर पुलिस पर हल्ला
- पार्षद को बिना जांच के जेल भेजने पर उठाए सवाल, लूट की धारा लगाने का विरोध
- महापौर बोलीं, दंपती का खोखा तोड़ने वाला भाजपा पार्षद निहायती शरीफ
महिला की इज्जत पर डाला हाथ और उजाड़ दिया ठीया
वायरल वीडियो में वार्ड-28 राजीव कॉलोनी मोहननगर के भाजपा पार्षद सुधीर कुमार कैद हैं। वह न सिर्फ गरीब महिला सीता से अभद्रता करते नजर आ रहे हैं बल्कि, साथियों संग उसके खोखे को भी नेस्तानाबूद करते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं महिला सीता के पति राम को भी सड़क पर गिराकर पीटा गया। पार्षद और उनके साथियों ने देर रात को जिस तरह से गुंडई का तांडव किया वह सरकार के दावों और प्रदेश का आइना कही जानी वाली गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में कानून व्यवस्था को ध्वस्त करने से कम जान नहीं पड़ता। पार्षद के साथियों ने महिला और उसके पति को सडक़ पर गिरा-गिरा कर इस कदर पीटा कि उन्हें शरीर पर कई चोटें आईं। इतना ही नहीं पार्षद के गुंडों ने अबला नारी को बाल पकडक़र घसीटने और पीटने की जो वारदात की उससे सरकार के महिला संबंधी अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पोल खुल गई। बवालियों ने महिला की दुकान का सामान उठाकर फेंक दिया। जिसके चलते महिला ने दुकान से 3 हजार रुपए लूटे जाने का आरोप लगाया। महिला चाहती तो वह इससे अधिक रुपए की रकम लूटे जाने का जिक्र कर सकती थी, लेकिन उसने जैसा हुआ वैसा ही रिपोर्ट में लिखाया। दर्ज एफआईआर में आरोप तो यह भी है कि पार्षद सुधीर कुमार उनसे छह हजार रुपए महीना अवैध वसूली का भी दबाव बना रहा था।
पार्षद ने किया कानून से खिलवाड़, सामान के पैसे मांगना पड़ा महिला को भारी
सूत्रों का कहना है कि पीडि़त महिला सीता पटरी पर दुकान लगाकर अपने परिवार की आजीविका चलाती है। वह और उसका पति राम देर रात तक दुकान खोल कर चंद रुपए कमाने का प्रयास करते हैं। ऐसे में क्षेत्रीय पार्षद उनपर छह हजार रुपए प्रति माह वसूली का दबाव बना रहा था। साथ ही दुकान से लिए गए सामान के पैसे न देना पार्षद और उसके भाइयों की आदत बन गई थी। आरोप है कि 19 मई की रात 12 बजे पार्षद और उसका भाई पीडि़ता की दुकान पर पहुंचे और सामान लेकर चलने लगे। पीडि़ता ने पूर्व उधारी और खरीदे गए सामान के पैसे मांगे तो उन्होंने गुंडई शुरू कर दी। आरोप है कि पार्षद ने फोन करके अपने अन्य साथियों को मौके पर बुला लिया। जिनके साथ मिलकर पार्षद ने वहां गुंडई का जमकर तांड़व किया।
बिना जांच के जेल भेजने पर किया बवाल
प्रदर्शनकारी निगम पार्षदों का आरोप है कि पुलिस ने महिला की शिकायत पर भाजपा पार्षद को बिना जांच करे जेल भेज दिया। वह खुद को जनप्रतिनिधि बताकर बिना जांच किए साथी को जेल भेजने पर ऐतराज जता रहे थे, लेकिन नियमानुसार पार्षद जनप्रतिनिधि की उस श्रेणी में नहीं आता कि पुलिस को उसके खिलाफ केस दर्ज करने और जेल भेजने से पूर्व या तो जांच करनी चाहिए थी या फिर किसी से परमिशन की जरूरत थी। पहले तो यह अपराधिक कृत्य का प्रकरण जांच की परिधि में नहीं आता, इसके बावजूद जिस महिला संबंधी अपराध का सीधे तौर पर वीडियो वायरल हुआ हो और पार्षद समेत 8 से 10 लोगों की गुंडई साफतौर पर नजर आ रही हो, उस केस में जांच की मांग करना किसी बेमानी से कम जान नहीं पड़ता। कानून के जानकार बताते हैं कि जिस तरह का यह घटनाक्रम वायरल वीडियो में दिखाई दिया है, इस तरह के केस में पुलिस चाहती तो डकैती की धारा का केस भी दर्ज कर सकती थी।
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