इस दिन नवम पंचम योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन शनि अपनी राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे जिससे शश योग भी बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
Sawan 2024 : सोमवार से शुरू सोमवार पर खत्म होगा सावन, कुंडली में कालसर्प दोष दूर करने को करें ये उपाय
Jul 12, 2024 08:45
Jul 12, 2024 08:45
- इस बार सावन पर बन रहे हैं कई विशेष संयोग
- 22 जुलाई से मंदिरों में शुरू होगा जलाभिषेक
- सर्वार्थसिद्धी योग सहित बन रहे पांच योग
कुंडली में कालसर्प दोष दूर करने के उपाय
इस बार सावन में जो भी जातक जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष या अन्य दोष हैं वह रुद्राभिषेक करें या पूरे सावन भगवान भोले का जलाभिषेक करें तो इसका शुभ फल मिलेगा। इसके अलावा सावन के प्रत्येक सोमवार को पंचामृत के रूद्राभिषेक से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है। ये उपाय सावन के प्रत्येक सोमवार को करना चाहिए।
सोमवार को सर्वार्थसिद्धी योग सहित बन रहे पांच योग
सावन के पहले सोमवार पर इस बार पांच संयोग बन रहे हैं। जिससे सावन के पहले सोमवार का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन प्रीति योग के साथ आयुष्मान योग बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन नवम पंचम योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन शनि अपनी राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे जिससे शश योग भी बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। पंडित दुलीदत्त ने बताया भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से ग्रह-नक्षत्रों का शुभ फल प्राप्त होता और कुंडली के सभी दोष दूर होते हैं क्योंकि भगवान भोले सृष्टि के स्वामी हैं।
भगवना शंकर को प्रिय है सावन का महीना
सावन का महीना भोले बाबा को अति प्रिय है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन का महीना महादेव का महीना माना जाता है। पंडित सुरेंद्र शुक्ला ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार जब महादेव से पूछा गया कि उन्हें सावन का महीना क्यों प्रिय है तो उन्होंने बताया कि इस महीने में पार्वती ने निराहार रहकर कठोर तप किया था और उन्हें प्रसन्न किया था तभी से महादेव के लिए यह महीना विशेष हो गया।
बिल्वपत्र चढ़ाने का महत्व
सावन में भोले शंकर पर बिल्वपत्र चढ़ाने का विशेष महत्व है। सावन में पूरे महीने अगर कोई भक्त बिल्वपत्र चढ़ाता है तो शिव की विशेष कृपा होती है। पंडित शिव कुमार ने बताया कि भगवान शंकर की विधिवत पूजा करने से अभीष्ट मनोकामना पूर्ण होती है लेकिन अगर किसी के पास समय की कमी है तो वह प्रतिदिन सिर्फ बिल्वपत्र चढ़ाए तो भी वह महापुण्य का भागी बनता है। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा ने महादेव को प्रसन्न का उपाय पूछा तो उन्होंने बताया कि भोले शंकर को सौ कमल दल चढ़ाने से जितना प्रसन्न होते हैं उतना ही नीलकमल चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं। एक हजार नीलकमल के बराबर एक बेलपत्र और एक हजार बिल्वपत्र चढ़ाने के फल के बराबर एक समीपत्र चढ़ाने का महत्व होता है।
सोमवार व्रत तिथि
22 जुलाई- पहला सोमवार
29 जुलाई- दूसरा सोमवार
05 अगस्त- तीसरा सोमवार
12 अगस्त- चौथा सोमवार
19 अगस्त- पांचवा सोमवार
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