संगोष्ठी में शिक्षा जगत में श्रेष्ठ कार्य करने वाले मेधावियों को शिक्षा रत्न पुरस्कार दिए गए। संगोष्ठी के आयोजन सचिव की भूमिका डॉक्टर सिमरन मेहता (हेड एंड डायरेक्टर आईसीईआरटी) ने निभाई...
Meerut News : 'विज्ञान ने तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल किया, मानविकी और सोशल साइंस ने नहीं'
May 05, 2024 17:42
May 05, 2024 17:42
- इस्माईल नेशनल महिला पीजी कालेज में अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
- विदेश से आए वक्ताओं ने विज्ञान और मानविकी पर रखे अपने विचार
- अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का चार तकनीकी सत्रों में किया आयोजन
प्रोफेसर रोधा बास्को ग्लांगको(फिलिपींस) को पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित
कार्यक्रम प्राचार्य प्रोफेसर अनीता राठी की अध्यक्षता में हुआ। इस दौरान विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर एम. अमर सादिक(इंटरनेशनल लॉ फर्म न्यूयॉर्क यूएसए मुख्य अतिथि डॉ० श्रीनिवास राव कावेती(एडजंक्ट एचआर और स्ट्रेटजी मैनेजमेंट, प्रोफेसर आईपीई मैनेजमेंट स्कूल पेरिस आईसीआरटी फेलो) और मिस्टर विक गैफनी(डायरेक्टर कावेटी लॉ फर्म साउथ एशिया) महाविद्यालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष मनीष प्रताप, मुख्य वक्ता डॉ० मनीषा डी भागोजी (कार्यकारी निदेशक प्रोफेशनल डेवलपमेंट डिवीजन आईसीईआरटी यूएसए) और प्रोफेसर रोधा बास्को ग्लांगको(फिलिपींस) को पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया।
तकनीकी एक जरुरत बन गयी
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता डॉ० मनीषा डी भगोजी ने विचार रखते हुए कहा कि आज विश्व बहुत तेजी से बदल रहा है, हर क्षेत्र में तकनीकी एक जरुरत बन गयी है। विज्ञान ने तो तकनीकी का भरपूर इस्तेमाल किया है किन्तु मानविकी और सोशल साइंस ने नहीं। तकनीकी का इस्तेमाल कर सोशल साइंस और मानविकी में नवीन अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सकता है। प्रोफेसर रोधा बास्को ग्लांगको ने अपने विचार रखते हुए कहा कि समकालीन विश्व सूचनाओं का जाल बन चुका है।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अनीता राठी ने अतिथियों का आभार प्रकट किया
विश्व की कोई घटना हो उसका अध्ययन कुछ क्षणों में वस्तुनिष्ठता से किया जा सकता है। इस अवसर पर आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर और संगोष्ठी की मुख्य सलाहकार प्रोफेसर दीप्ति कौशिक ने विस्तार से प्रकाश डाला। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अनीता राठी ने अतिथियों का आभार प्रकट किया। आईक्यूएसी कोर्डिनेटर प्रो0 दीप्ति कौशिक ने धन्यवाद किया। संगोष्ठी की संयोजिका डा० स्वर्णा और आयोजन समिति को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। आगे उन्होंने संगोष्ठी के विषय को वर्तमान संदर्भ में अति महत्वपूर्ण बताया। संगोष्ठी के अगले चरण में पैनल वार्ता का आयोजन किया जिसका संयोजन डा० स्वर्णा ने किया।
तकनीकी सत्रों में समन्वयक की भूमिका
इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें चेयरपर्सन की भूमिका डा० रीटा गर्ग(सेवानिवृत्त रीडर, इस्माईल नेशनल महिला पीजी कॉलेज मेरठ) डा० सोनल शर्मा(असिस्टेंट प्रोफेसर स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज जेइसीआरसी विश्वविद्यालय, जयपुर) डा० कविता त्यागी (शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय, लखनऊ) और डा० सविता शर्मा (विक्रमशिला विश्वविद्यालय, पलवल हरियाणा) ने निभाई। तकनीकी सत्रों में समन्वयक की भूमिका डॉक्टर शुभ्रा त्रिपाठी, मिस रिद्धिमा नारायण, डा० एकता चौधरी और मिस शैलजा ने निभाई।
150 पंजीकरण हुए एवं 100 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र पढ़ा
संगोष्ठी में लगभग 150 पंजीकरण हुए एवं 100 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र पढ़ा। संगोष्ठी में शिक्षा जगत में श्रेष्ठ कार्य करने वाले मेधावियों को शिक्षा रत्न पुरस्कार दिए गए। संगोष्ठी के आयोजन सचिव की भूमिका डॉक्टर सिमरन मेहता (हेड एंड डायरेक्टर आईसीईआरटी) ने निभाई। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की सलाहकार समिति में प्रोफेसर दीपा त्यागी, प्रोफेसर रीना गुप्ता, डा० ममता और डा० विनेता रहीं।
संगोष्ठी में ये रहे उपस्थित
कार्यकारिणी समिति में मिस निकहत उमैरा, डा० मोनिका, डा० दीक्षा रानी, डा० ममता सिंह, डा० कविता अग्रवाल, डा० सारिका शर्मा, डा० मनी भारद्वाज और श्रीमती निशा गुप्ता रहीं। संगोष्ठी में डॉक्टर पूजा राय, आंचल सिंह, सुमन मिश्रा, मीनू शर्मा, डा० नेहा सिंह, कुमारी प्रियांशी, डॉक्टर शाजिया का सहयोग रहा। संगोष्ठी में मीना राजपूत का विशेष सहयोग रहा। इसके अलावा सभी तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का विशेष सहयोग रहा।
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