डीएम दीपक मीणा ने तत्कालीन एआईजी स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार, एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी, मुख्य कोषागार वरुण खरे और एसपी क्राइम अवनीश कुमार की संयुक्त कमेटी बनाकर जांच कराई।
यूपी का सबसे बड़े स्टांप घोटाला : दो आरोपी मेरठ से गिरफ्तार, ऐसे फर्जी ढंग से रजिस्ट्री कराते थे शातिर
Jan 06, 2025 15:13
Jan 06, 2025 15:13
- यूपी के मेरठ में हुआ था सबसे बड़ा स्टांप घोटाला
- डीएम की रिपोर्ट पर हुआ मुख्य आरोपी विशाल वर्मा पर मुकदमा
- मुख्य आरोपी विशाल वर्मा अभी तक फरार
दो साल पहले अगस्त 2023 में दर्ज हुआ था मुकदमा
मेरठ में हुए फर्जी स्टांप घोटाला ममले में जाली स्टांप से रजिस्ट्री कराने का मुकदमा दो साल पहले अगस्त 2023 में सिविल लाइन थाने में दर्ज किया गया था। एडीएम वित्त व रजिस्ट्री विभाग से रजिस्ट्री कराने वालों को अर्थदंड सहित रिकवरी के नोटिस भेजने शुरू किए गए है।
फर्जी स्टॉप पर अपनी रजिस्ट्री कराई
जिन व्यापारियों ने फर्जी स्टॉप पर अपनी रजिस्ट्री कराई हैं। वो महीनों से डीएम-एसएसपी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। मामला तूल पकड़ने पर प्राक्कलन विधानसभा समिति ने इसका संज्ञान लिया। डीएम दीपक मीणा ने तत्कालीन एआईजी स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार, एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी, मुख्य कोषागार वरुण खरे और एसपी क्राइम अवनीश कुमार की संयुक्त कमेटी बनाकर जांच कराई।
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कमेटी रिपोर्ट के आधार पर
कमेटी रिपोर्ट के आधार पर सिविल लाइन थाने में विशाल वर्मा और उसके कार्यालय में तैनात कर्मचारी राहुल वर्मा निवासी प्रवेश विहार मेडिकल और राहुल वर्मा पुत्र महेश निवासी रिठानी परतापुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सिविल लाइन थाना पुलिस ने दोनों आरोपी गिरफ्तार किए हैं।
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