इस स्टेशन के माध्यम से, मेरठ और दिल्ली के यात्री मेट्रो, आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन द्वारा देश के किसी भी कोने तक निर्बाध यात्रा कर सकेंगे।
बदलता उत्तर प्रदेश : मेरठ साउथ से दिल्ली तक 35 मिनट में सफर, पीएम मोदी ने किया आनंद विहार नमो भारत स्टेशन का लोकार्पण
Jan 05, 2025 16:10
Jan 05, 2025 16:10
- परिवहन के छह तरीकों के बीच सुविधा के लिए किया डिजाइन
- मेरठ के यात्री इस स्टेशन के जरिए देश के किसी भी कोने तक कर सकेंगे सफर
- आनंद विहार स्टेशन को ज़मीन से मात्र आठ मीटर की गहराई पर बनाया
नमो भारत कॉरिडोर के सबसे बड़े स्टेशनों में से एक
आनंद विहार भूमिगत स्टेशन नमो भारत कॉरिडोर के सबसे बड़े स्टेशनों में से एक है। यात्री यहां से मेरठ साउथ तक महज 35 मिनट में सफर कर सकेंगे। इस स्टेशन को क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन के मौजूदा छह तरीकों के बीच मल्टी-मॉडल एकीकरण की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है। इनमें स्वामी विवेकानंद (आनंद विहार) और कौशांबी में दो आईएसबीटी, मेट्रो के दो कॉरिडोर (पिंक और ब्लू लाइन), आनंद विहार रेलवे स्टेशन और सिटी बस स्टैंड शामिल हैं।
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स्टेशन के माध्यम से, मेरठ और दिल्ली के यात्री
इस स्टेशन के माध्यम से, मेरठ और दिल्ली के यात्री मेट्रो, आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन द्वारा देश के किसी भी कोने तक निर्बाध यात्रा कर सकेंगे। यात्रियों के लिए निर्बाध, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन पर एफओबी सुविधाओं के साथ अलग प्रवेश और निकास द्वार प्रदान किए गए हैं।
मेट्रो लाइनों के बेसमेंट के नीचे बनाया
यात्रियों की सुविधा के लिए आनंद विहार स्टेशन को ज़मीन से मात्र 8 मीटर की गहराई पर बनाया गया है। इतनी गहराई पर कॉरिडोर को संभव बनाने के लिए इसे आनंद विहार से गुजरने वाली मेट्रो लाइनों के बेसमेंट के नीचे बनाया गया है। निर्माण और सिविल इंजीनियरिंग के नजरिए से यह एक जटिल कार्य है, लेकिन यात्री सुविधा के लिए प्रतिबद्ध एनसीआरटीसी ने नई प्रौद्योगिकियों, रणनीतिक योजना और नवीन तरीकों का उपयोग करके इसे संभव बना दिया है।
पैदल यात्रियों की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्था
इस स्टेशन पर वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही के लिए विशेष व्यवस्था के तौर पर गाज़ीपुर नाले पर तीन पुल बनाए गए हैं। इनमें से दो पुलों का उपयोग वाहन के प्रवेश और निकास के लिए किया जाना है, जबकि एक विशेष रूप से पैदल यात्रियों के लिए है।
संरचना भूरे रंग के मुखौटे से ढकी हुई
297 मीटर लंबे और 35 मीटर चौड़े इस स्टेशन की बाहरी संरचना भूरे रंग के मुखौटे से ढकी हुई है, और स्टेशन के अंदर की दीवारों और स्तंभों को कांच के इनेमल पैनलों से सजाया गया है।
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