उत्तर प्रदेश के मेरठ के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। लोगों को शीघ्र ही मेट्रो ट्रेन की सवारी करने का मौका मिल सकता है। मेरठ साउथ स्टेशन से सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन की ट्रायल प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की जा चुकी है। स्टेशन के निर्माण कार्यों...
बदलता उत्तर प्रदेश : मेरठ में जल्द दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन, ट्रायल प्रक्रिया पूरी, जानें कब तक मिलेगी सेवा...
Jan 16, 2025 17:12
Jan 16, 2025 17:12
16 मीटर गहराई में बना सेंट्रल स्टेशन
गाजियाबाद से मेरठ की तरफ कॉरिडोर की बात करें तो मेरठ सेंट्रल स्टेशन पहला ऐसा स्टेशन है, जो अंडरग्राउंड बनाया गया है। इसके बाद भैंसाली और बेगमपुल स्टेशन भी अंडरग्राउंड है। सेंट्रल स्टेशन की गहराई मुख्य सड़क से 16 मीटर नीचे है।
आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध
स्टेशन की लंबाई 283 मीटर है। इसमें फ्री पानी से लेकर शौचालय तक की सुविधा उपलब्ध है। यात्रियों की सहूलियत के लिए लिफ्ट जैसी आधुनिक सुविधाएं भी प्रदान की गईं हैं। ट्रैक का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) भी लग चुकी है। इसके बाद, जब मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू होगा, तो यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
सेंट्रल स्टेशन तक ट्रायल रन जारी
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर के तहत मेरठ साउथ स्टेशन से परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी और मेरठ सेंट्रल स्टेशन तक ट्रायल प्रक्रिया पर काम चल रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संचालन शुरू होने पर यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। ट्रायल रन के दौरान अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विभिन्न परीक्षण किए जाते हैं।
मेरठ मेट्रो सैंड बैग से वजन परीक्षण
यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनों में सैंड बैग भरकर वजन परीक्षण किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, ट्रेनों की गतिशील परिस्थितियों में सुरक्षा से संबंधित जांच भी की जा रही है। इस प्रक्रिया में यात्रियों के आरामदायक सफर (राइडिंग कम्फर्ट) का मूल्यांकन भी किया जा रहा है। इसके तहत ट्रेनों को ट्रैक पर विभिन्न मोड़ों पर चलाकर परीक्षण किया जा रहा है। सिग्नलिंग, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी), ओवरहेड सप्लाई सिस्टम आदि जैसे उप-प्रणालियों के समन्वय को सत्यापित करने के लिए ट्रेन के एकीकृत प्रदर्शन की जांच भी की जा रही है।
मेरठ मेट्रो 23 किमी लंबा कॉरिडोर
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 23 किलोमीटर है, जिसमें 18 किलोमीटर एलिवेटेड और 5 किलोमीटर हिस्सा अंडरग्राउंड है। इस कॉरिडोर के तहत 3 भूमिगत स्टेशन समेत कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इनके नाम हैं मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ और मोदीपुरम डिपो।
2025 तक पूरा होगा काम
मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर नमो भारत और मेरठ मेट्रो दोनों सेवाएं उपलब्ध होंगी। मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल अंडरग्राउंड स्टेशन हैं, जबकि बाकी स्टेशन एलिवेटेड होंगे। संभावना है कि अप्रैल 2025 तक मेरठवासी मेरठ साउथ स्टेशन से मेरठ सेंट्रल तक मेट्रो सेवा का आनंद ले पाएंगे। मौजूदा कार्य प्रगति को देखते हुए पूरे कॉरिडोर को 2025 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।
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