बदलता उत्तर प्रदेश : नवजात और शिशु की मृत्युदर में कमी लाने को मेरठ मेडिकल कालेज में एनबीएसयू ट्रेनिंग

नवजात और शिशु की मृत्युदर में कमी लाने को मेरठ मेडिकल कालेज में एनबीएसयू ट्रेनिंग
UPT | मेडिकल कॉलेज मेरठ के बाल रोग विभाग द्वारा प्रतिवर्ष एनबीएसयू ट्रेनिग का आयोजन

Feb 19, 2024 18:07

शासन की वर्तमान स्वास्थ्य नीति मे नवजात एवम शिशु की मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसी क्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में निर्धारित मापदंड को प्राप्त करने हेतु मेडिकल कॉलेज मेरठ के बाल रोग विभाग द्वारा प्रतिवर्ष एनबीएसयू ट्रेनिग का आयोजन नोडल अधिकारी डॉक्टर अभिषेक सिंह के पर्यवेक्षण में कराया जाता है।

Feb 19, 2024 18:07

Short Highlights
  • बाल रोग विभाग मेडिकल कालेज मेरठ में ट्रेनिग संपन्न
  • ट्रेनिंग के बाद कार्यवाहक प्राचार्य ने बांटे प्रमाणपत्र
  • स्वास्थ्य केंद्रों से आए प्रतिभागियों ने लिया प्रशिक्षण  
LLRM Meerut : नवजात एवम शिशु की मृत्युदर में कमी लाने के लिए मेरठ मेडिकल कालेज में एनबीएसयू (नवजात शिशु स्टेबलाईजेशन यूनिट) ट्रेनिंग दी गई। मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डॉ. वीडी पाण्डेय ने बताया कि शासन की वर्तमान स्वास्थ्य नीति मे नवजात एवम शिशु की मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसी क्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में निर्धारित मापदंड को प्राप्त करने हेतु मेडिकल कॉलेज मेरठ के बाल रोग विभाग द्वारा प्रतिवर्ष एनबीएसयू ट्रेनिग का आयोजन नोडल अधिकारी डॉक्टर अभिषेक सिंह के पर्यवेक्षण में कराया जाता है।

प्रशिक्षार्थी शिशु मृत्यु दर कम करने में प्रभावशाली योगदान कर सकेंगे
इस साल प्रशिक्षण का द्वितीय सत्र दिनांक 15 से 17 फरवरी को आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों से आए 16 प्रतिभागियों ने उक्त प्रशिक्षण सफलता पूर्वक पूर्ण किया। प्रशिक्षण के उपरांत किए गए प्रतिपुष्टि के सर्वेक्षण से विदित हुआ कि अब अपने स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर ये प्रशिक्षार्थी शिशु मृत्यु दर कम करने में प्रभावशाली योगदान कर सकेंगे।
प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र का वितरण कार्यवाहक प्राचार्य डॉक्टर ज्ञानेश्वर टांक द्वारा किया गया।

प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न पीएचसी सीएचसी पर भी बच्चों को उचित सुविधाएं 
विभाग अध्यक्ष बाल रोग विभाग डॉ. नवरतन गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर इस प्रकार के प्रशिक्षण से कम की जा सकती है। इस प्रकार के प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न पीएचसी सीएचसी पर भी बच्चों को उचित सुविधाएं दी जा सकती हैं। डॉ. अभिषेक सिंह प्रभारी, अधिकारी ने बताया कि इस प्रकार की ट्रेनिंग समय-समय पर होती रहती है।

विगत वर्ष तीन  प्रशिक्षण सत्र इस चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा सफलता पूर्वक संपन्न
विगत वर्ष तीन  प्रशिक्षण सत्र इस चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा सफलता पूर्वक संपन्न कराए गए हैं। डॉ. विकास अग्रवाल आचार्य बाल रोग विभाग ने इसमें अपना अमूल्य योगदान दिया। इसमें विभाग के रेजिडेंट चिकित्सक डाक्टर आयुषी,डॉक्टर विनीत, डॉक्टर बृजेंद्र,डॉक्टर कोमल,डॉक्टर श्याम हरी एवम अन्य रेजिडेंट डॉक्टर  की भी महत्वपूर्ण सहभागिता रही।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभाग के सीनियर रेजिडेंट्स डॉक्टर वैष्णव, डॉक्टर वान्या,डॉक्टर तूबा, डॉक्टर नीति एवम डॉक्टर समीक्षा ने सहयोग किया।
 

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