उदाहरण के तौर पर अगर किसी छात्र ने तीन साल का यूपी कोर्स किया है तो वो दो साल का पीजी कोर्स चुन सकता है। जिसमें दूसरे साल वह रिसर्च के साथ आनर्स या रिसर्च के साथ आनर्स प्रोग्राम किया है तो एक साल का पीजी प्रोग्राम भी कर सकता है।
नई शिक्षा नीति 2020: पीजी में अब कोई भी विषय लेकर कर सकेंगे पढ़ाई
Jun 18, 2024 09:57
Jun 18, 2024 09:57
- नई शिक्षा नीति के तहत बदल रहा शिक्षा का पूरा पैटर्न
- छात्रों के पास पढ़ाई छोड़ने और शुरू करने का विकल्प
- यूजीसी की ओर से तैयार किया गया करिकुलम
यूजीसी द्वारा जारी किए गए नए फ्रेमवर्क
यूजीसी द्वारा जारी किए गए नए फ्रेमवर्क के अनुसार देश में पीजी डिग्री में कई बड़ेे बदलाव किए जा रहे हैं। जिसिके तहत छात्र चाहे तो किसी भी विषय में पीजी की डिग्री ले सकते हैं। यूजीसी के अनुसार अब कॉलेजों केा यह छूट होगी कि वह अलग-अलग तरह पीजी स्तर के कार्यक्रम शुरू कर सके। उदाहरण के तौर पर अगर किसी छात्र ने तीन साल का यूपी कोर्स किया है तो वो दो साल का पीजी कोर्स चुन सकता है। जिसमें दूसरे साल वह रिसर्च के साथ आनर्स या रिसर्च के साथ आनर्स प्रोग्राम किया है तो एक साल का पीजी प्रोग्राम भी कर सकता है। इससे जहां छात्रों को समय की बचत होगी। वहीं पांच साल का इंटीग्रेटेड बैचलर और मास्टर प्रोग्राम भी होगा। मतलब एक साथ दो डिग्रियां ले सकते हैं।
ऐसा होगा शिक्षा में नया बदलाव
पीजी के नए कार्यक्रम में काफी सुविधा छात्रों को मिलेगी। जिसमें छात्र चाहे तो एक विषय से दूसरे विषय में जा सकते हैं। यूजी में मेजर और माइनर विषय लेने वाले छात्र पीजी में किसी एक विषय को चुन सकते हैं। यानी कि एक नए करिकुलम में छात्र अपनी पसंद के कोेर्स चुनन की आजादी होगी। इसमें आफलाइन और आनलाइन दोनों तरीके से पढ़ाई का विकल्प मिलेगा। अगर छात्र 160 क्रेडिट के साथ आनर्स या रिसर्च के साथ आनर्स में यूपी किया है तेा उसको एक साल यानी दो सेमेस्टर में पीजी प्रोग्राम में दाखिला मिल सकेगा।
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