मेरठ में जन्में वीर सपूतों ने ऐसी अनगिनत शौर्य कहानियों को इतिहास के पन्नों में दर्ज करवाया है। चाहे 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हो या फिर कारगिल की लड़ाई।
Kargil Vijay Diwas 2024 : मेरठ के छह सपूतों ने अपनी शहादत देकर लिखी थी कारगिल युद्ध में विजय गाथा
Jul 26, 2024 09:35
Jul 26, 2024 09:35
- मेरठ के छावनी में सेना ने मनाया आज कारगिल विजय दिवस
- कारगिल विजय दिवस की आज 25 वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रम
- मेरठ के सपूतों के नाम है अनगिनत शौर्य गाथाएं
ये हैं मेरठ के वीर सपूत जिन्होंने दी शहादत
कारगिल युद्ध को आज 25 साल हो चुके हैं। कारगिल युद्ध में सबसे पहले बलिदान होने वालों में मेजर मनोज तलवार का नाम पहले आता है। 13 जून 1999 को मेजर मनोज तलवार और सीएचएम यशवीर सिंह बलिदान हुए थे। 28 जून को मेरठ के लांस नायक सत्यपाल सिंह और तीन जुलाई को नायक जुबेर अहमद ने शहादत पाई। पांच जुलाई को ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह की शहादत हुई और इसके साथ इंजीनियरिंग कोर के सैपर सतीश कुमार ने कारगिल में अपना बलिदान देकर देश की सीमाओं को सुरक्षित किया था। यशवीर सिंह को मरणोपरांत वीरचक्र और सतीश कुमार को सेना मेडल से सम्मानित किया गया था।
चार्जिंग रैम डिवीजन के प्रेरणास्थल पर शहीदों को श्रद्धाजंलि
आज कारगिल विजय दिवस के मौके पर सेना की ओर से छावनी स्थित चार्जिंग रैम डिवीजन के प्रेरणास्थल पर शहीदों को श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। सब-एरिया कमांडर प्रेरणा स्थल पर पहुंचे और वहां पर पुष्प चढ़ाएं गए। इसी के साथ ही वीरनारियों व बलिदानियों की माताओं को सम्मानित कर उनसे मुलाकात भी की।
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